कलक्टर को एक माह के सिविल कारावास की सजा

गहनोलिया ने गत 29 अक्टूबर को अपने आदेश में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद राकेश कुमार जायसवाल और रांका को दोषी माना;

Update: 2021-11-03 06:57 GMT

जयपुर। राजस्थान के बीकानेर में सिविल न्यायालय ने भूमि विवाद से जुड़े एक मामले में न्यायालय की अवमानना करने पर धौलपुर कलक्टर और बीकानेर में तत्कालीन यूआईटी सचिव राकेश कुमार जायसवाल और अध्यक्ष महावीर रांका को दोषी मानते हुए एक माह की कारावास की सजा सुनाई है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार 13 सितंबर 2017 को बीकानेर के गंगाशहर में नोखा रोड पर व्यापार नगर योजना की जमीन विवाद से जुड़े मघाराम उर्फ मेघराज आदि बनाम यूआईटी मामले में अंतरिम निषेधाज्ञा, यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। इस आदेश की पालना की बजाय तत्कालीन सचिव राकेश कुमार जायसवाल और अध्यक्ष रांका ने जमीन नीलामी के लिए विज्ञापन प्रकाशित करवा दिए। इसको लेकर प्रार्थी मघाराम ने चार अक्टूबर, 2017 को जायसवाल और रांका के खिलाफ अवमानना याचिका पेश की।

न्यायाधीश हुक्मीचंद गहनोलिया ने गत 29 अक्टूबर को अपने आदेश में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद राकेश कुमार जायसवाल और रांका को दोषी माना। मंगलवार को न्यायालय ने अवमानना याचिका स्वीकार कर दोनों आरोपियों को एक-एक माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई है। प्रार्थी की ओर से पैरवी अनिल आचार्य ने की।

गौरतलब है कि तत्कालीन यूआईटी सचिव राकेश कुमार जायसवाल बाद में आरएएस से आईएएस में पदोन्नत हो गए।




वार्ता

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