चांद का दीदार कर ख्वाजा साहब की अकीदत शुरू
अजमेर में रविवार रात चांद की 30 तारीख के मौके पर चांद के दीदार होने के साथ ही रवीउल अव्वल के महीने का आगाज हो गया।
अजमेर। राजस्थान में अजमेर में रविवार रात चांद की 30 तारीख के मौके पर चांद के दीदार होने के साथ ही रवीउल अव्वल के महीने का आगाज हो गया।
चांद दिखाई देने पर ख्वाजा साहब की दरगाह में अकीदतमंदों ने हाजिरी दी और परस्पर चांद की मुबारकबाद दी।
इसी के साथ अब तय हो गया कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म मौके पर 30 अक्टूबर को जश्न-ए- ईद मिला दुन्नबी मनाई जाएगी। इससे पहले 24 अक्टूबर को ख्वाजा साहब की महाना छठी का आयोजन होगा।
ईद मिलादुन्नबी (बारावफात) के आयोजन को लेकर जुलूस निकाले जाने की संभावनाएं क्षीण है। बावजूद इसके जुलूस के आयोजक सूफी इंटरनेशनल ने दरगाह स्थित अकबरी मस्जिद में बैठक आहुत की है। संस्था से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि पैगंबर साहब का जन्मोत्सव हर साल धूमधाम और अकीदत के साथ मनाया जाता है और एक जलसा अंदरकोट स्थित ढाई दिन के झोंपड़े से शुरू कर दौलतबाग के नजदीक चिल्ले वाले बाबा तक जाता है जहां सभा के साथ तवर्रुक तकसीम करने का आयोजन होता है लेकिन, इस बार प्रशासन से अनुमति मिलने और बारावफात को किस स्वरूप में मनाया जाए इस पर बैठक में फैसला किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के चलते मार्च से जायरीनों का प्रवेश बंद था और पिछले महीने ही प्रवेश की अनुमति मिली जिसको देखते हुए दरगाह परिसर में जायरीनों और अकीदतमंदों की रौनक लौटी है।