कौशल विकास को बेहतर बनाएं ताकि युवाओं को रोजगार के अधिकाधिक अवसर मिल सकें । मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निजी क्षेत्र में संचालित ऎसे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) जो मापदण्डों को पूरा नहीं करते, उन्हें चिन्हि्त कर उनके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए ताकि विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं हो।;
जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिकाधिक अवसर मिल सकें, इसके लिए राज्य में कौशल विकास को बेहतर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि समय के अनुसार उद्योगों की मांग बदली है। ऎसे में उनकी आवश्यकता के अनुरूप कौशल विकास के नये प्रशिक्षण कार्यक्रम डिजाइन किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऎसा वेब पोर्टल भी तैयार किया जाए जो उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप कुशल श्रमिकों की मांग पूरी करने में सहायक हो।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में श्रम विभाग एवं कौशल विकास की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केवल परम्परागत पाठ्यक्रमों के आधार पर बाजार की मांग को पूरा नहीं किया जा सकता। हमें उद्यमियों के साथ समन्वय कर ऎसे स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने होंगे जो युवाओं का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निजी क्षेत्र में संचालित ऎसे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) जो मापदण्डों को पूरा नहीं करते, उन्हें चिन्हि्त कर उनके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए ताकि विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं हो। उन्होंने कहा कि शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सरकारी आईटीआई के साथ-साथ निजी आईटीआई में बायोमैट्रिक उपस्थिति तथा सीसीटीवी कैमरों को अनिवार्य करने पर विचार किया जाए।
श्रम विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए गहलोत ने भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक अधिनियम के तहत निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को बेहतर बनाया जाए ताकि जरूरतमंदों तक समय पर इन योजनाओं का लाभ मिले।