योगी सरकार पार्ट - 2 के 100 दिन में गृह विभाग टारगेट में अव्वल
दूसरी बार सरकार बना कर योगी आदित्यनाथ ने यूपी में 35 साल बाद सरकार रिपीट करने का रिकार्ड बना दिया
लखनऊ। योगी सरकार के पहले 5 साल के कार्यकाल में जिस तरह से यूपी ने पुलिस बदमाशों के खिलाफ अभियान चलाया तो उससे बदमाशों ने ज़मानत तुड़वा कर जेल में ही अपनी ज़िंदगी सुरक्षित समझी। बदमाशो में पुलिस का ख़ौफ़ इस क़दर था कि गले मे अपराध से तौबा करने की तख़्ती डालकर वो बड़े घर को रवाना होने के लिए खुद ही थाने पहुंच रहे थे। 2022 का विधानसभा चुनाव आते आते तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुल्डोजर बाबा कहा जाने लगा। चुनाव में बुल्डोजर इस कदर मशहूर हुआ कि 2022 के विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा बना और दूसरी बार सरकार बना कर योगी आदित्यनाथ ने यूपी में 35 साल बाद सरकार रिपीट करने का रिकार्ड बना दिया।
योगी सरकार का पार्ट 2 कार्यकाल शुरू कराने में यूपी पुलिस ने बदमाशों पर प्रभावी कार्यवाही कर अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जब मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ ने शपथ लेते ही बदमाशों पर हल्ला बोलने का आदेश जारी किया था तो उत्तर प्रदेश में 2 आईपीएस अफसर ऐसे थे। जिन्होंने मुख्यमंत्री के आदेश का पालन कराने के लिए विभिन्न जनपदों के कप्तानों को बदमाशों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के लिए आगे आकर प्रेरित किया। वह आईपीएस अफसर थे तत्कालीन एडीजी कानून एवं व्यवस्था आनंद कुमार और मेरठ जोन का जिम्मा संभाल रहे आईपीएस अफसर प्रशांत कुमार। दोनों अफसरों ने अपने अधीन जिले के कप्तानों और उनकी टीम का हौसला अफ़ज़ाई करते हुए बदमाशों के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। कई बड़े बदमाशों के साथ पुलिस एनकाउंटर में तत्कालीन एडीजी मेरठ जोन एवं वर्तमान में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर का जिम्मा संभाले प्रशांत कुमार ने खुद बदमाशों का सामना किया। यह पहला मौका था, जब एडीजी लेवल का कोई अफसर अपनी पुलिस टीम को कमांड करते हुए एनकाउंटर में बदमाशों का मुकाबला कर रहा था।
योगी सरकार पार्ट 2 का कार्यकाल शुरू हुआ तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 100 दिन का लक्ष्य फिक्स करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस को जो टारगेट दिया था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, यूपी पुलिस के डीजीपी और एडीजी कानून एंव व्यवस्था ने मुख्यमंत्री योगी के टारगेट से अधिक पुलिस काम करके साबित किया है कि यूपी पुलिस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा में खरी उतरती है।
इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था को और बेहतर बनाये जाने तथा अपराधियों पर प्रभावी नकेल कसने के लिए गृह विभाग द्वारा 100 दिनों हेतु निर्धारित कार्ययोजना की गहन समीक्षा अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में आज लोक भवन स्थित कमाण्ड सेन्टर में सम्पन्न हुई।
शासन के निर्देश पर अब 25 के बजाय 50 विभिन्न प्रकार के माफियाओं यथा खनन, शराब, पशु, वन, भू-माफिया आदि को चिन्हित कर उनके विरूद्ध हुई कार्यवाही की साप्ताहिक समीक्षा की जा रही है। इन माफियाओं से धारा-14(1) गिरोहबंद अधिनियम के अन्तर्गत जब्तीकरण हेतु 500 करोड़ रूपये वसूली के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष समय से पूर्व ही 844 करोड़ रूपये की वसूली हो चुकी है।
इसी प्रकार प्रदेश के प्रत्येक थाना स्तर पर टॉप 10 अपराधियों के चिन्हिकरण के तहत 15 हजार अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके तहत कुल 16158 टॉप 10 अपराधी चिन्हित किये गये, जिनके विरूद्ध अब तक कुल 83721 अभियोग पंजीकृत कराये जा चुके हैं तथा 648 करोड़ रूपये की सम्पत्ति भी जब्त की जा चुकी है। माफिया गिरोहों, घुमन्तू/पारदी/बावरिया आदि गिरोहों की आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाया गया है।
इसके अलावा पॉच नई बी0डी0डी0एस0 टीमों तथा 10 नई ए0एस0 चेक टीम हेतु भी जन शक्ति का चिन्हांकन कर लिया गया है। देश विरोधी गतिविधियों जैसे अवैध धर्मांतरण, आतंकवाद, नक्सलवाद, स्वचालित अवैध शस्त्र तस्करी, टेरर फण्डिग, आई0एस0आई0 पाक एजेण्ट, स्लीपर सेल्स, ऑन लाइन रेडिक्लाइजेशन, अवैध अप्रवासी, रोहिंग्याओं/बांग्लादेशियों व अर्न्तराष्ट्रीय मानव तस्करी सिण्डीकेट के विरूद्ध भी प्रभावी कार्यवाही की गयी है।
स्वाट की एक नई कमाण्डों टीम के गठन एवं उसकी ट्रेनिंग हेतु भूमि के चिन्हीकरण की कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है। अयोध्या में स्पेशल टास्क फोर्स की यूनिट का भी गठन किया जा चुका है।
इसके अलावा 135 कमाण्डों की विभिन्न पदों पर नियुक्ति एवं उपकरणों/संसाधनों की व्यवस्था की कार्यवाही भी पूर्ण की जा चुकी है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सात जनपदों में एस0एस0बी0 के साथ समन्वय कर मानव तस्करी की रोकथाम हेतु भी प्रभावी प्रयास किये गये है।
राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरों को और अधिक चुस्त-दुरूस्त व प्रभावी बनाये जाने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक मुख्यालय की अपराध शाखा में विलय किया जा चुका है। डिजीटल वॉलेन्टियर सी-प्लान एप्प में जुडें 12,39,216 सदस्यों की संख्या को बढ़ाकर 15 लाख करने के लक्ष्य में भी शत्-प्रतिशत की उपलब्धि प्राप्त करते हुये अब तक 15,30,454 सदस्यों को इस एप्प से जोड़ा जा चुका है।
अभियोजन प्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरूस्त व प्रभावी बनाये जाने को ''ई-अभियोजन मोबाईल एप्प'' विकसित किया गया है। महिलाओं के विरूद्ध पास्को अधिनियम के अपराधों में एक हजार अभियुक्तों को प्रभावी पैरवी कर सजा दिलाये जाने के क्रम में 1546 अभियुक्तों को सजा दिलाकर लक्ष्य से अधिक कार्यवाही की जा चुकी है।
पुलिस में आगन्तुक महिलाओं एवं महिला पुलिस कर्मियों हेतु शौचालय एवं वॉशरूम की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। प्रचलित महिला बीट व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया गया है तथा महिला सुरक्षा हेतु विशेष दल गठित कर भीड़ भरे स्थानों पर व्यापक अभियान चलाया गया। वीमेन पावर लाइन 1090 पर प्राप्त शिकायतों के शत्-प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण भी पूर्ण किया जा चुका है।
प्रदेश के प्रत्येक थाने में आम जनता के लिए स्वच्छ वातावरण के लिए साफ-सफाई व जनसामान्य के बैठने व स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था का सुनिश्चित की गयी है। सभी थानों में वृक्षारोपड़ अभियान के तहत जनपद में न्यूनतम 7500 पौधे लगाने के लक्ष्य के क्रम में 2,23,379 पौधे लगा कर शत्-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण किया गया है।
पुलिस विभाग में युवाओं को रोजागार उपलब्ध कराने के 100 दिन के अभियान के तहत 10 हजार पुलिस भर्ती के निर्धारित लक्ष्य को समय से पहले ही शत्-प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। पुलिस की इस भर्ती से चयनित उपनिरीक्षक एवं समकक्ष पदों पर 1805 महिला उप निरीक्षक एक साथ प्राप्त होंगी, जो महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा एवं महिला हितों की दृष्टि से एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। इस भर्ती में युवा वर्ग का सर्वाधिक प्रतिनिधित्व है तथा इसमें लगभग 60 प्रतिशत चयनित अभ्यर्थी 25 वर्ष से कम आयु के हैं तथा भर्ती पूरी तरह से निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से की गयी है तथा इसमें प्रदेश के हर जिले से प्रतिनिधित्व प्राप्त हुआ है।
मेरठ में कोतवाल धनसिंह गुर्जर अत्याधुनिक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने हेतु निर्धारित लक्ष्य के क्रम में पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय मेरठ का नाम परिवर्तित कर धनसिंह गुर्जर पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल की 3 कम्पनियों को कानपुर मेट्रों की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा इस बल की एक बटालियन को नई वर्दी से भी सुसज्जित किया गया है।
तहसील मुख्यालयों पर अग्निशमन सेवा का अस्थाई संचालन किये जाने का लक्ष्य भी शत्-प्रतिशत पूर्ण करते हुये सभी तहसील मुख्यालयों पर फायर टेण्डर मय स्टाफ स्थापित करा दिये गये हैं। फायर सर्विस नें अनापत्ति निर्गमन प्रक्रिया को आवेदको के अनुकूलन हेतु सरलीकरण किया गया है।
112 यू0पी0 द्वारा आम नागरिकों को आपातकालीन परिस्थिति में पुलिस की त्वरित सहायता उपलब्ध कराये जाने में लगने वाले रिस्पॉन्स टाइम को 10 मिनट किये जाने के निर्धारित लक्ष्य मे भी अच्छी सफलता प्राप्त की गयी है। उल्लेखनीय है कि वर्ष-2017 में यह रिस्पॉन्स टाइम 38.32 मिनट था, जिसमें अभूतपूर्व प्रगति करते हुये वर्तमान समय में उक्त उपलब्धि प्राप्त की गयी है।
प्रदेश के प्रत्येक जनपद के 1531 थानो पर साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की जा चुकी हैं। परिक्षेत्रीय साइबर थानों द्वारा अपने-अपने थाने क्षेत्रों के कॉलेज, स्कूलों, कोचिंग व अन्य सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, अस्पताल आदि स्थानों पर साइबर जागरूकता कार्यक्रम निरन्तर कराया जा रहा है। साइबर थानों में लम्बित अभियोगों में कम से कम 25 प्रतिशत तक का विधिक निस्तारण कराये जाने के लक्ष्य के क्रम में परिक्षेत्रीय साइबर थानों में 108 अभियोगों का निस्तारण किया गया है। साइबर हेल्प लाइन नम्बर 1930 पर आ रही शिकायतों को वरीयता पर निस्तारण कराने के क्रम में अब तक 1090 पर प्राप्त कुल 25123 शिकायतों पर विधिक कार्यवाही करते हुये कुल रूपये 4 करोड़ 13 लाख रूपये से अधिक की धनराशि होल्ड करायी गयी।
यातायात नियमों के उल्लघंन पर क्रेडिट/डेबिट कार्ड द्वारा मौके पर ई-चालान से भुगतान किये जाने की व्यवस्था की जा रही है।
सी0सी0टी0एन0एस0 के साथ एंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस के एकीकरण का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है।
पुलिस विभाग में आवासीय एवं अनावासीय भवनों के 675 निर्माण कार्यों में कार्यदायी संस्था नामित कर डी0पी0आर0 तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं। सभी पी0ए0सी0 बैरकों के रख-रखाव/मरम्मत का अनुमान लगाकर उन्हें ठीक करने की कार्यवाही योजनाबद्ध तरीके से शुरू की गयी है।
बैठक में सचिव, गृह बी0डी0 पॉल्सन व तरूण गाबा के अलावा विशेष सचिव, संयुक्त सचिव समेत गृह विभाग के समस्त वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहें।