UP डायल-112 आपात स्थिति से निपटने को रहती है मुस्तैद

जनवरी से नवम्बर तक 11 माह के दौरान 35,900 काॅल जानवरों एवं मवेशियों की मदद के लिये 112 को आई है।;

Update: 2020-12-10 08:39 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश डायल-112 अपर पुलिस महानिदेशक असीम अरूण के निर्देशन में डायल-112 चाहे परिस्थियां कैसी भी हो, प्रत्येक आपात स्थिति से निपटने का हर वक्त मुस्तैद रहती है। डायल-112 में आने वाले काॅल के आकड़ें बताते हैं कि इंसानों के साथ-साथ जानवरों एवं मवेशियों की हिफाजत और उनके संरक्षण को लेकर पुलिस विभाग कितना संजीदा है। जनवरी से नवम्बर तक 11 माह के दौरान 35,900 काॅल जानवरों एवं मवेशियों की मदद के लिये 112 को आई है। इस दौरान वन विभाग की मदद से 149 संरक्षित प्रजाति के जानवरों को बचाने का कार्य भी 112 द्वारा किया गया।

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23,649 कॉल घायल पशुओं की मदद को

पुलिस के साथ आम जनमानस में भी जागरूकता काफी बढ़ी है। लोगों में जागरूकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि घायल पशुओं की मदद के लिए 23,649 लोगों ने कॉल किया। इन मामलों में 112 ने सरकारी पशु चिकित्सकों, स्थानीय लोगों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से घायल जानवरों तक मदद पहुँचाने का कार्य किया।


112 ने घायल पशुओं को मदद देने के साथ ही सियार, लोमड़ी और बंदरों के हमले में घायल हुए नागरिकों को भी सहायता पहुंचाने का काम किया। बंदरों के हमले में घायल हुए 200 लोगों ने 112 को कॉल कर के मदद ली। सियार और लोमड़ी के हमलों में घायल 16 लोगों ने 112 को कॉल किया। कुत्तों के हमले से घायल 870 लोगों ने भी 112 -यूपी से मदद ली। जानवरों को रिहायशी इलाकों से बाहर निकलवाया । रिहायशी इलाकों में जंगली जानवरों के पहुंचने की शिकायतें भी 112 के पास खूब आयीं। जनवरी से नवम्बर के बीच जंगली जानवरों के रिहायशी इलाकों में आने की 6308 शिकायतें पुलिस को मिली। ऐसे मामलों में 112 ने वन विभाग और स्थानीय निवासियों की मदद से लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया।

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