करोड़ों का साईबर फ्राॅड करने वाली महिला समेत दो अरेस्ट
एसटीएफ ने करोड़ों रुपयें का साईबर फ्राॅड करने वाली महिला समेत दो आरोपियों को अरेस्ट करने में सफलता प्राप्त की है।
लखनऊ। एसटीएफ ने करोड़ों रुपयें का साईबर फ्राॅड करने वाली महिला समेत दो आरोपियों को अरेस्ट करने में सफलता प्राप्त की है। साईबर ठग फर्जी तरीके से लोगों के क्रेडिट कार्ड धारक लोगों का डाटा प्राप्त करते थे और फिर उन्हें चूना लगा देते थे। इस गिरोह के चार आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। 25 हजार की इनामी साईबर फ्राॅडिया व उसका साथी फरार चल रहे थे, जिन्हें पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया।
विगत कुछ समय से एसटीएफ को सूचना मिल रही थी कि विभिन्न बैंकों के फर्जी तरीके से क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा प्राप्त करके कुछ लोग धोखाधड़ी करके चूना लगाने का कार्य कर रहे हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसटीएफ मामले की गंभीरता से छानबीन कर रही थी। ठगों का पता लगाने के लिए टीम भी गठित की गई थी। इस संदर्भ में थाना खेरागढ जनपद आगरा पर मुकदमा भी दर्ज था। उक्त अभियोग में थाना खेरागढ़ जनपद आगरा की पुलिस के सहयोग से एसटीएफ ने चार आरोपियों को विगत 26 जनवरी को अरेस्ट किया था। इसमें गैंग का सरगना सौरभ भारद्वाज पुत्र आनन्द, आस मौहम्मद उर्फ आशू पुत्र स्व. अली मौहम्मद, लखन गुप्ता पुत्र ओम प्रकाश गुप्ता निवासी दिल्ली, शिवम गुप्ता पुत्र नेम प्रकाश गुप्ता निवासी दिल्ली शामिल हैं। इस मामले में मोनिका उर्फ शिल्पी वांछित थी। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। अरेस्ट आरोपियों से पूछताछ में पता चला था कि उक्त गैंग को क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा बेचने का कार्य सुलेमान व मोनिका द्वारा किया जाता था। आज पुलिस व एसटीएम ने सुलेमान व शिल्पी को अरेस्ट कर लिया। शिल्पी के पास से बरामद मोबाइल की जांच की गई, तो उसमें से लगभग 6 हजार ग्राहकों का डेटा बरामद हुआ। सुलेमान के बैग से पुलिस ने लगभग एक हजार लोगों को प्रिंटेड डेटा बरामद किया है।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि डेटा बेचने वाले गैंग के पास विभिन्न बैंकों के 7 लाख से अधिक कस्टमर्स का डाटा है और पिछले कुछ महीनों में इस डाटा बेचने वाले गैंग द्वारा धोखाधड़ी कर विभिन्न बैंकों के 1 लाख से अधिक क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा बेचा गया है। सुलेमान ने पूछताछ में बताया कि वह उसी के साथ कॉल सेन्टर में काम करने वाले प्रदीप के साथ मिलकर डेटा निकाल लेता था। इसके बदले प्रदीप को 3 रूपये प्रति कस्टमर के हिसाब से पेमेंट किया जाता था। यह डाटा मोनिका उर्फ शिल्पी को 6 से 10 रूपये के बीच बेचा जाता था। सुलेमान एक ऐजेन्सी में काम करता है, जो कई बैंकों को सर्विस प्रोवाइड कराती है तथा सुलेमान वर्तमान में इस कम्पनी में सेल्स एक्जीक्यूटिव के पद पर मोतीनगर की स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया ब्रान्च में काम करता है। इसी प्रकार शिल्पी भी एसबीआई बैंक के लिए जुलाई 2020 तक थर्ड पार्टी वेण्डर के साथ सेल्स एक्जीक्यूटिव के पद पर काम कर चुकी थी। नदीम भी उसी बैंक में काम करता था और नदीम ने ही शिल्पी की जॉब लगवाई थी। आरोपियों द्वारा दिये गये डेटा से लखनऊ, आंध्र प्रदेश सहित कई स्थानों पर धोखाधड़ी के अभियोग पंजीकृत होने की जानकारी हुई है। इसके अलावा आरबीएल बैंक द्वारा दिये गये शिकायती प्रार्थना पत्र के अनुसार उनके बैंक के उपभोक्ताओं के साथ भी इन्हीं अभियुक्तों द्वारा लगभग 12 लाख रूपये की धोखाधड़ी की जा चुकी है।