गुपचुप तरीके से अतीक के जनाजे में शामिल होने आई थी शाइस्ता
घर के भीतर घुसकर अंजाम दिए गए उमेश पाल हत्याकांड के बाद वह पुलिस के डर से खुल्दाबाद स्थित अपने घर भाग आया था।
प्रयागराज। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए माफिया डॉन अतीक के पुत्र असद के दोस्त की ओर से एक बड़ा चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रही 50 हजार रुपए की इनामी लेडी डॉन शाइस्ता परवीन अपने पति अतीक अहमद एवं देवर अशरफ की हत्या के बाद निकले जनाजे में शामिल होने के लिए प्रयागराज के खुल्दाबाद पहुंची थी।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहने वाले माफिया डॉन अतीक के बेटे असद के दोस्त जफरुल्लाह जो पुलिस की गिरफ्त में आया हो हुआ है, उसने पूछताछ में एक बड़ा खुलासा किया है। पुलिस पूछताछ में जफरुल्लाह ने बताया है कि प्रयागराज में घर के भीतर घुसकर अंजाम दिए गए उमेश पाल हत्याकांड के बाद वह पुलिस के डर से खुल्दाबाद स्थित अपने घर भाग आया था। 15 अप्रैल को अतीक एवं अशरफ की हत्या के बाद फरार चल रही माफिया डॉन अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन हत्या के अगले दिन उसके खुल्दाबाद स्थित मकान पर पहुंची थी। उस समय उसके साथ उमेश पाल हत्याकांड में शामिल इनामी बदमाश साबिर भी था। दोनों हुलिया एवं वेश बदलकर अतीक एवं अशरफ के जनाजे में शामिल होने के लिए कसारी मसारी स्थित कब्रिस्तान जाने वाले थे। लेकिन पुलिस की भारी मौजूदगी की खबर मिलने पर दोनों ने अपना इरादा बदल दिया था।
इसके बाद शाइस्ता परवीन एवं साबिर रात भर उसके घर ही ठहरे थे और अगले दिन भोर की किरण फूटते ही घर छोड़कर कहीं निकल गए थे। जफरुल्लाह के इस बड़े खुलासे के बाद अब पुलिस की कार्यशैली पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जिस शाइस्ता परवीन एवं साबिर की तलाश में पूरे जिले की पुलिस फोर्स को लगाया गया था उस पुलिस को दोनों के शहर में आकर रुकने के बावजूद इस मामले की भनक तक कैसे नहीं लगी? सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि साबिर के दोबारा आने की भनक तसे पुलिस को लगी लेकिन वह पुलिस के पहुंचने से पहले कैसे चकमा देकर फरार हो गया?