किया यौन शोषण- खाकी का हस्तक्षेप- लेने पड़े सात फेरे
थानाध्यक्ष के हस्तक्षेप के कारण न केवल दो परिवार टूटने से बच गये, वरन यौन शोषण की शिकार युवती को उसका पति मिल गया।
औरंगाबाद। पुलिस जहां अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की अपनी ड्यूटी को बखूबी निभा रही है, वहीं मानवता की भी नई मिसालें पेश कर ही है। ऐसा ही एक कारनामा महिला थाने की थानाध्यक्ष ने कर दिखाया। उनके हस्तक्षेप के कारण न केवल दो परिवार टूटने से बच गये, वरन यौन शोषण की शिकार युवती को उसका पति मिल गया।
औरंगाबाद के फेसर थाना क्षेत्र के घेटरा निवासी युवती की शादी ओबरा थाना क्षेत्र के अदमा निवासी मिथलेश पुत्र बलदेव राम के साथ हुई थी। बताया जाता है कि मिथलेश के भाई कमलेश का अपने भाई की ससुराल में काफी आना जाना था, इसी के चलते उसका प्रेम प्रसंग अपनी भाभी की बहन से हो गया। युवती का आरोप है कि कमलेश ने उससे शादी का वायदा किया था और इसी की आड़ में उसका यौन शोषण किया गया। जब युवती शादी की बात पर अड़ गई, तो कमलेश ने साफ इंकार कर दिया।
इस पर पीड़िता ने मामले की जानकारी महिला थानाध्यक्ष उपासना कुमारी को दी। उपासना कुमारी ने मामले की गहनता से छानबीन करने के बाद दोनों पक्षों को थाने बुलाया और उन्हें अच्छे से समझाया। जब महिला थानाध्यक्ष ने दोनों पक्षों को कानूनी दांवपेचों के बारे में बताया तो दोनों पक्ष शादी के लिए राजी हो गये। थानाध्यक्ष ने थाना परिसर स्थित मंदिर में दोनों की शादी करा दी। महिला थानाध्यक्ष उपासना कुमारी की सूझबूझ से जहां युवती की शादी हो गई, वहीं युवती की बहन का परिवार भी टूटने से बच गया।