कानून के लम्बे हाथ- 33 वर्षों से पैरोल से फरार 25 हजारी इनामी गिरफ्तार
अपराधी अपनी चल-अचल सम्पत्ति बेचकर दिल्ली में नाम बदलकर कपड़े की दुकान पर काम कर रहा था
हाथरस। कहावत है कि कानून के बहुत लम्बे हाथ होते है। कोई अपराधी कहीं भी जाकर छुप जाये पुलिस उसे गिरफ्तार कर जेल की हवा खिला ही देती है। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल के निर्देशन में थाना हाथरस जंक्शन पुलिस एवं एसओजी टीम की संयुक्त कार्यवाही में विगत 33 वर्षों से पैरोल से फरार 25 हजार रुपये का इनामिया एवं दुष्कर्म के मुकदमें में सजायफ्ता अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अपराधी अपनी चल-अचल सम्पत्ति बेचकर दिल्ली में नाम बदलकर कपड़े की दुकान पर काम कर रहा था। पुलिस ने गिरफ्तार किये गये आरोपी को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया है।
गौरतलब है कि पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया की करीब 36 वर्ष पूर्व सन 1986 में थाना हाथरस जंक्शन पर थानाक्षेत्र के ग्राम रतनगढी निवासी एक व्यक्ति द्वारा तहरीर दी कि उसके ही गांव का निवासी एक व्यक्ति अभियुक्त रघुनंदन उर्फ रघुनी पुत्र यादराम सिंह निवासी ग्राम रतनगढ़ी, थाना हाथरस जंक्शन द्वारा उसकी पोती को बहला-फुसलाकर ले जाकर दुष्कर्म की घटना कारित की गयी है। जिसके सम्बन्ध में परिजनों की प्राप्त तहरीर पर थाना हाथऱस जंक्शन पर मुकदमा अपराध संख्या 193/1986 धारा 363/366/376 आईपीसीे बनाम नामजद आरोपी रघुनंदन उर्फ रघुनी पुत्र यादराम सिंह निवासी ग्राम रतनगढ़ी, थाना हाथरस जंक्शन पंजीकृत किया गया था। जिसमें साक्ष्य के आधार पर पुलिस द्वारा नामजद आरोपी रघुनंदन उर्फ रघुनी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
इसी क्रम में उक्त मुकदमें में न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायधीश जनपद अलीगढ़ द्वारा वर्ष 1987 में साक्ष्यांे के आधार पर आरोपी रघुनदंन उर्फ रघुनी को सजा सुनाई गई थी। जिसके उपरान्त अभियुक्त रघुनंदन उर्फ रघुनी उपरोक्त द्वारा उच्च न्यायालय प्रयागराज में अपील दाखिल की गयी थी जिसे वर्ष 1989 में उच्च न्यायालय प्रयागराज द्वारा सशर्त पैरोल पर रिहा किया गया था। वर्ष 1989 से अभियुक्त पैरोल पर जेल से रिहा होने के उपरान्त अभियुक्त रघुनंदन उर्फ रघुनी उपरोक्त साक्ष्य एवं अन्य आवश्यक कार्यवाही हेतु न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ तथा अपने निज निवास से चल-अचल सम्पत्ति बेचकर फ़रार हो गया। जिसके उपरान्त अभियुक्त रघुनंदन उर्फ रघुनी की तलाश/गिरफ्तारी हेतु उच्च न्यायालय प्रयागराज द्वारा अधिपत्र भी निर्गत किये गये थे।
इसके उपरान्त उक्त प्रकरण में पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा क्षेत्राधिकारी सिकन्द्राराऊ तथा थानाध्यक्ष हाथरस जंक्शन के नेतृत्व में टीमों का गठन कर अभियुक्त रघुनंदन उर्फ रघुनी उपरोक्त की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया था तथा एसओजी टीम व सर्विलॉस टीम को भी लगाया गया था तथा अभियुक्त रघुनंदन उर्फ रघुनी उपरोक्त की गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक द्वारा 25000/- रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।
अभियुक्त रघुनंदन उर्फ रघुनी उपरोक्त वर्ष 1989 में उच्च न्यायालय प्रयागराज से पैरोल पर बाहर आने के बाद अपना घर चल-अचल सम्पत्ति बेचकर फरार हो गया था। जिसके उपरान्त अभियुक्त रघुनंदन उर्फ रघुनी उपरोक्त के बारे में कोई जानकारी गांव व अन्य लोगों को नही थी। पुलिस द्वारा अभियुक्त रघुनंदन उर्फ रघुनी उपरोक्त के ग्राम रतनगढ़ी में जानकारी की गयी तो बताया गया कि अभियुक्त का कुछ पता नही है गांव में आना-जाना नहीं हुआ, शायद उसकी मृत्यु हो चुकी है। जिसके उपरान्त टीमों की कड़ी सुरागरस-पतारसी व अथक प्रयासोपरान्त जानकारी मिली कि अभियुक्त रघुनंदन उर्फ रघुनी उपरोक्त अपनी चल अचल सम्पत्ति बेचकर अपनी पहचान छुपाकर अपने बच्चों सहित किराये के मकान में बुराड़ी संतनगर, दिल्ली में रह रहा है तथा दिल्ली में ही कपड़े की दुकान पर काम करता है और फ़रार होने की बाद कभी अपने गांव नही लौटा। टीमों की कड़ी सुरागरसी-पतारसी एवं कई दिनों की अथक मेहनत, इलेक्ट्रानिक सर्विलांस आदि के आधार पर विगत 33 वर्षों पैरोल से फरार 25000/- रुपये का इनामिया सजायफ्ता अभियुक्त रघुनंदन उर्फ रघुनी को मंगलवार को थाना हाथरस जंक्शन पुलिस एवं एसओजी टीम की संयुक्त कार्यवाही में बुराड़ी संतनगर दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है।
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में थाना हाथरस जंक्शन के थानाध्यक्ष रितेश कुमार, एसओजी प्रभारी निरीक्षक गिरीश चन्द्र गौतम, सर्विलांस टीम प्रभारी अभय कुमार, उपनिरीक्षक अमित कुमार, हैड कांस्टेबल राकेश कुमार, विजय नागर, कांस्टेबल सचिन शर्मा, चेतन राजौरा, कांस्टेबल अरविन्द कुमार, प्रिंस कुमार, श्रीकान्त, प्रवीन कुमार, महिला कांस्टेबल शिल्पी शामिल रही।