IPS का संदेश - डर से बड़ा कोई वायरस नही - हिम्मत से बड़ी वैक्सीन नही

पुलिसकर्मी बुलंद हौसलों के साथ सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए गए आंशिक लॉकडाउन को सख्ती बरतते हुए

Update: 2021-05-06 07:25 GMT

फिरोजाबाद। एसएसपी अजय कुमार ने पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा है कि डर से बड़ा कोई वायरस नहीं है और हिम्मत से बड़ी कोई वैक्सीन नहीं है। पुलिसकर्मी बुलंद हौसलों के साथ सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए गए आंशिक लॉकडाउन को सख्ती बरतते हुए कामयाब बनाएं और बिना वजह लोगों की आवाजाही को रोककर समाज के गरीब, असहाय, रोगियों, वृद्धों, दिव्यांगों, महिलाओं और बच्चों की सहायता करें।

बृहस्पतिवार को एसएसपी फिरोजाबाद अजय कुमार ने पुलिसकर्मियों के नाम एक संदेश जारी करते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार की ओर से आंशिक लॉकडाउन की अवधि 10 मई तक बढ़ा दी गई है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घनघोर आपाधापी अब समाप्त हो चुकी है। पुलिसकर्मियों ने जनपद की कानून व्यवस्था और पुलिस की निष्पक्ष छवि को अक्षुण्य बनाए रखा है। यह हम सबके लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए सभी पुलिसकर्मी बधाई और प्रशस्ति पत्र के वास्तविक हकदार हैं। उन्होंने कहा है क्योंकि पंचायत चुनाव की आपाधापी से अब पुलिस बल पूरी तरह से फ्री हो चुका है तो उसे अब आंशिक लॉकडाउन को प्रभावी रूप से लागू कराने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा है कि लोगों को कोरोना संक्रमण की भयावह महामारी से बचाने के लिए हमें अब आंशिक लॉकडाउन को सख्ती के साथ लागू करते हुए कंटेनमेंट जोन में और अधिक सख्ताई बरतनी होगी। बिना मास्क वाले लोगों को मास्क देना होगा। अराजक, शरारती, लापरवाह, दबंग और दुर्दांत लोगों पर हर तरह से नकल कसते हुए पुलिसकर्मियों को उन्हें काबू में करना है।

उन्होंने कहा कि समाज के सात कैटेगरी के लोग जिनमें गरीब, असहाय, रोगी, वृद्ध, दिव्यांग महिलाएं और बच्चे हमारी सहानुभूति के पात्र हैं। इनके साथ ज्यादा सख्ती नहीं की जाए। समाज के इन लोगों को हमारे मित्रवत, मधुर व मानवीय व्यवहार किए जाने की जरूरत है। इसलिए इनकी यथासंभव मदद की जाए। उन्होंने कहा है कि ऐसा करके हम इन पर कोई एहसान नहीं करेंगे बल्कि यह तो हमारा परम कर्तव्य है। उन्होंने पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा है कि पुलिस और हमारे परिवारजन जितना त्याग कर रहे हैं और बलिदान दे रहे हैं। उसे अधिकांश लोग शायद ही कभी समझ पाएंगे। परंतु जब ईमानदारी के साथ प्रमाणिक इतिहास लिखा जाएगा तो हमारा त्याग स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा। यह मेरी अंतरात्मा की आवाज है। उन्होंने कहा है कि डर से बड़ा कोई वायरस नहीं है और हिम्मत से बड़ी कोई वैक्सीन नहीं है। इसलिए कोरोना वायरस के आक्रमण को सही समय पर पहचान कर इसके ऊपर सही दवाओं के माध्यम से प्रहार शुरू करते हुए अपनी व अपने परिवार की हिफाजत करें। उन्होंने कहा कि हम सब की सर्वोच्च प्राथमिकता यही होनी चाहिए कि दवा और हॉस्पिटल से बचे रहें और लोगों को बचाकर रखें। उन्होंने कहा है कि डरे नहीं, हिम्मत ना हारे, हम सभी जीतेंगे, यह मेरा दृढ़ विश्वास है।

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