बर्थडे- एनकाउंटर में बदमाशों को बदहवास करने वाले IPS डॉक्टर की रोचक कहानी

साल 2011 बैच के IPS अफसर व यूपी 112 के पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल शर्मा के बर्थडे पर पेश है खोजी न्यूज की स्पेशल स्टोरी...

Update: 2022-10-26 11:45 GMT

लखनऊ। 29 अगस्त 2021 को यूपी 112 एसपी का चार्ज संभालने वाले आईपीएस अफसर डॉ अजय पाल शर्मा की पहचान एनकाउंट स्पेशलिस्ट, तेजतर्रार, सिंघम, दबंग और दी रियल कमांडर के रूप में होती है। आईपीएस अफसर डॉ अजय पाल शर्मा ने सहारनपुर, गाजियाबाद, हाथरस और नोएडा जैसे जिलों में अपराधी के आतंक को शांत किया। आईपीएस अफसर पब्लिक के लिये मधुर आवाज से पेश आते हैं और बदमाशों पर कड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें हेल या जेल पहुंचा देते हैं। आईपीएस अफसर डॉ अजय पाल शर्मा की सुपीरियर कार्यशैली से उनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड दर्ज हुआ। दी रियल कमांडर डॉ अजय पाल की कहानी का यहीं दी एंड नहीं होता बल्कि इस आईपीएस अफसर को सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के सीएम राम मनोहर लाल खट्टर भी उन्हें सम्मानित कर उनकी तारीफ कर चुके हैं।

अंडर ट्रेनी रहते हुए आईपीएस अधिकारी डॉ अजय पाल शर्मा ने बदमाशों को खात्मा करना शुरू कर दिया था। आईपीएस अधिकारी ने अल्प समय में ही बड़ी-बड़ी चुनौतीपूर्ण वारदातों का पर्दाफाश कर चुके हैं। शामली के 6 कुख्यात बदमाशों को यमराज के घर भेजने वाले डॉ अजय पाल शर्मा ने गौतमबुद्धनगर का एसएसपी रहते हुए तीन राज्यों का सिर दर्द बन चुके बलराज भाटी व एके 47 के सहारे का खौफ का बिजनेस करने वाले लखटकिया श्रवण चौधरी को ढ़ेर कर दिया था। आईपीएस अफसर ने चार दिन में ही सात कुन्तल चांदी लूटकांड का भंडाफोड किया था। दी रिलय कमांडर डॉ अजय पाल शर्मा इस पुलिस सफर में बड़ी संख्या में बदमाशों का एनकाउंट कर चुके हैं। कानुपर में हुई हिंसा के दौरान उपद्रवियों के खौफ का धूल में मिलाने वाले डॉ अजय पाल शर्मा को अधिकारियों के सहयोग के लिये भेजा गया था। साल 2011 बैच के आईपीएस अफसर व यूपी 112 के पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल शर्मा के बर्थडे पर पेश है खोजी न्यूज की स्पेशल स्टोरी....


डॉ. अजय पाल शर्मा का जन्म पंजाब के लुधियाना में 26 अक्टूबर 1985 को हुआ था। डॉ. अजय पाल शर्मा के पिता का नाम अमरजीत शर्मा और माता का नाम प्रेम शर्मा है, जिनकी दो संतान है। एक बेटा डॉ. अजय पाल शर्मा यूपी कैडर के साल 2011 बैच के आईपीएस अफसर हैं और दूसरा बेटा अमित पाल शर्मा यूपी कैडर के आईएएस अफसर हैं। डॉ. अजय पाल शर्मा की शादी वर्ष 2016 में अदिति शर्मा से हुई। डॉ. अजय पाल शर्मा अपने पिता को अपना आदर्श मानते हैं। उनके पिता अमरजीत पंजाब के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत रहे। डॉ. अजय पाल शर्मा बचपन से ही शॉर्प मांइड रहे। स्कूल-कॉलेज में टॉपर रहना उनका शगल बन गया था। गणित, अंग्रेजी और विज्ञान जैसे विषयों में डॉ. अजय पाल शर्मा की पकड़ ऐसी थी कि परीक्षाओं में इन विषयों में उनके नम्बर 100 में से 100 रहे। मेडिकल लाइन चुनने पर उनको बीडीएस में एडमिशन मिला, यहां भी उन्होंने अपना जलवा बिखेरते हुए टॉप थ्री में स्थान पाया।

डॉ. अजय पाल शर्मा ने 19 दिसम्बर 2011 को आईपीएस के रूप में यूपी पुलिस को जॉइन किया। पहली ही पोस्टिंग से उन्होंने उसी प्रकार समाज से अपराध की बुराई को समाप्त करने के लिये 'सर्जिकल स्ट्राइक' शुरू कर दी, जिस प्रकार वो अपने बीडीएस पेशे में मुंह के जबड़े से खराब और कीड़ा लगे जाड-दांतों को उखाड़ फेंकने में माहिर थे। 20 फरवरी 2013 से 20 जुलाई 2013 तक सहारनपुर में ट्रेनी अफसर के रूप में तैनात रहे।


डॉ. अजय पाल शर्मा को थाना सरसावा का एसओ बनाया गया। इसी दौरान जून 2013 में एक ऐसी घटना घटी, जिसने डॉ. अजय पाल शर्मा को 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' बनने का मोटिव दिया। 5 जून 2013 को हरियाणा बॉर्डर से लगते सहारनपुर के गांव घोड़ों पीपली में दो पेट्रोल पंपों पर वरना कार सवार बदमाशों ने अलसुबह धावा बोलकर 6 लाख रूपये लूटे, फिर वह सहारनपुर सिटी की ओर भाग लिये। वायरलेस पर सूचना फ्लैश होते ही पुलिस चौकस हो गई।

सहारनपुर में तत्कालीन सीओ सदर उमेश कुमार तकरीबन 9ः30 बजे सिपाहियों के साथ बदमाशों की तलाश को चिलकाना निकल पड़े। सर्किट हाउस के पास उन्हें सफेद रंग की वरना कार दिखाई दी। उन्होंने कार का पीछा करना शुरू कर दिया। बदमाशों ने अपनी कार गलीरा रोड पर भूतपूर्व विधायक रविन्द्र कुमार मोल्हू के घर सामने मोड़ दी, लेकिन सामने से आ रही ट्रैक्टर ट्रॉली के कारण कार फंस गई। सीओ के हमराह सिपाही राहुल ढाका निवासी गांव ढिकौली, थाना पिलाना जनपद बागपत, सीओ की बुलेरो से उतर गये और बदमाशों की कार के पास पहुंचकर उनकी खिड़की खोलनी चाही। कार में बैठे बदमाश ने राहुल पर फायर कर दिया। गोली पर निकल गई, सिपाही ने वहीं पर दम तोड़ दिया था। बदमाश सिपाही राहुल की कारबाइन भी लूटकर फायरिंग करते हुए फरार हो गये थे।


इस वारदात ने यूपी में भूचाल ला दिया था। इस घटना ने आईपीएस डॉ. अजय पाल शर्मा को मुकीम काला गैंग के सफाये पर मोटिव दिया। सिपाही राहुल की हत्या करने वाला बदमाश मुकीम काला ही था। ये बात 31 अगस्त को चिलकाना में तत्कालीन देहात कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेन्द्र त्यागी के द्वारा मुठभेड़ में दबोचे गये मुकीम के गैंग के कुख्यात बदमाश वाजिद काला निवासी जंधेडी ने पुलिस को बताई थी कि सिपाही राहुल ढाका ने कार में बैठे मुकीम का गिरेबान पकड़ लिया था। मुकीम ने उसके सीने से पिस्टल सटाकर गोली मार दी थी।

दिल्ली के चर्चित उबर रेपकांड का किया खुलासा

सहारनपुर में ट्रेनी के बाद आईपीएस अधिकारी डॉ अजय पाल शर्मा को जुलाई 2013 में जनपद मथुरा में डीएसपी के पद पर तैनात किया गया था। सीओ वृन्दावन और सीओ रिफाइनरी और सीओ सिटी के बाद उन्हें एएसपी बनाया गया। इसी दौरान डॉ अजय पाल शर्मा ने दिल्ली पुलिस के लिये सिर दर्द बने बहुचर्चित उबर रेपकांड का खुलासा करते हुए आरोपी ड्राइवर शिवकुमार को अरेस्ट कर लिया था। पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते रेपकांड के आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

गाजियाबाद एसपी सिटी रहते हुए की एनकाउंट की शुरूआत

मथुरा के बाद गाजियाबाद एसपी सिटी की कमान मिलते दौरान ही आईपीएस अधिकारी डॉ अजय पाल शर्मा ने सिपाही राहुल ढाका की हत्या करने वाले मुकीम काला गिरोह के कुख्यात 50 हजारी बदमाश फिरोज उर्म पव्वा को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था।


हाथरस में सट्टा किंग चतुर्भुज गुप्ता उर्फ चुतरा पर कसा शिकंजा

गाजियाबाद में एसपी सिटी रहते हुए अपराध पर अंकुश लगाने वाले डॉ अजय पाल शर्मा को शासन ने इनाम देते हुए हाथरस का पुलिस अधीक्षक बनाया। एसपी रहते हुए आईपीएस डॉ अजय पाल शर्मा ने सबसे बड़े सट्टा माफिया चतुर्भुज गुप्ता उर्फ चतुरा पर कार्रवाई करते हुए उसे जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया था और प्रशासन के साथ मिलकर चतुरा की तकरीबन 350 करोड़ रूपये की सम्पत्ति को जब्त करवाया।

शामली के क्रिमनलों को पहुंचाया यमलोक

आईपीएस अफसर डॉ अजय पाल शर्मा ने 16 अक्टूबर 2016 को शामली के एसपी के पद कमान संभाली थी। कमान संभालते ही आईपीएस अफसर क्राईम सिटी का कलंक मिटाने में जुट गये। वर्ष 2017 में योगी सरकार आने पर डॉ अजय पाल शर्मा ने बदमाशों को मुठभेड़ में ढेर करना शुरू कर दिया था।

कई चुनौतीपूर्ण अपहरणकांड का कर चुके हैं पर्दाफाश

आईपीएस डॉ अजय पाल शर्मा ने गाजियाबाद एसपी सिटी रहते हुए तीन बड़े चुनौतीपूर्ण अपहरणकांड का पर्दाफाश किया था। पहला मामला विक्की त्यागी अपहरण कांड था। दूसरा मामला 7वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे के अपहरण से जुड़ा था, तो वहीं तीसरा मामल रेलवे कर्मचारी के बेटे के अपहरण का था। इन तीनों वारदातों को डॉ अजय पाल शर्मा ने अपहरण के चंद घंटों बाद ही खुलासा कर दिया था। हाथरस में बतौर एसपी रहते हुए बस के यात्रियों का अपहरण करने की घटना के कुछ घंटे बाद ही खुलासा करते हुए कुख्यात छोटी यादव गैंग को एनकाउंटर में दबोच लिया था।


बदमाशों पर सख्त, मातहतों के लिये संवेदनशील है अजय

आईपीएस डॉ अजय पाल शर्मा की अपराधियों के प्रति सख्त मिजाज अफसर के रूप में पहचान होती है। आईपीएस अधिकारी होते हुए भी अपनी मातहतों के बारे में कितनी अच्छी सोच रखते हैं, उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिये कितना संवेदनशील है, इसका इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो पुलिसकर्मियों के रहने के लिये अच्छी आवासीय सुविधा, प्रशिक्षण की निरंतर व्यवस्था के साथ टेक्नालॉजी की भी प्रशिक्षण देने की बात कहते हैं, जिससे यूपी पुलिस देश की सर्वोत्तम पुलिस बन जाये। शामली में पुलिस अधीक्षक रहते हुए दो जनवरी की रात जंधेडी गांव में मुकीम काला गिरोह के शॉप शूटर साबिर से मुठभेड़ के दौरान सिपाही अंकित तोमर की शहादत ने उनको तोड़ दिया था। लेकिन भावनात्मक सैलाब में बहने के बजाये, उन्होंने अंकित को बचाने का हर संभव प्रयास किया और उसके परिवार को भी ढांढस बंधाया। आज भी वो इस मुठभेड़ की चुनौती को गाहे बगाहे का जिक्र करते हुए उसे श्रद्धांजलि देते हैं।


क्राईम कंट्रोल पर हरियाणा के सीएम ने किया सम्मानित

आईपीएस डॉ अजय पाल शर्मा की कार्यशैली के चर्चे यूपी तक ही सीमित नहीं है, जब वो शामली जनपद में एसपी के रूप में अपराध जगत की रीढ़ तोड़ने का काम कर रहे थे तो करनाल में एक समारोह के दौरान हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने डॉ अजय पाल शर्मा को सम्मानित करते हुए उनकी क्राईम कंट्रोल की कलां को प्रशंसनीय बताया था।

सीएम योगी ने आईपीएस डॉक्टर को किया सम्मानित

अपराध नियंत्रण एवं अपराध उन्मूलन को लेकर उत्कृष्ट सफलता अर्जित करने पर पार्ट-1 सरकार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रूप में आईपीएस अधिकारी डॉ अजय पाल शर्मा को शौर्य अवार्ड प्रदान करते हुए उनकी कार्यशैली की प्रशंसा की थी।



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