हाथरस कांड- लखनऊ पीठ सोमवार को इन सबूतों पर करेगी सुनवाई

एसपी विनीत जायसवाल ने पीड़ित पक्ष को जिला व पुलिस प्रशासन की तरफ से मिल रहे सहयोग के बारे में अदालत को अवगत कराया था।

Update: 2020-11-01 15:00 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती की कथित दुष्कर्म, मारपीट तथा हत्या के बाद शव का देर रात अन्तिम संस्कार कराने के मामले मेंं जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में सोमवार को सुनवाई करेगी ।

न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन राय की खंडपीठ के समक्ष यह मामला दो नवम्बर की वाद सूची में अपराह्न्ह सवा दो बजे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। गत 12 अक्टूबर को राज्य सरकार की तरफ से जवाबी हलफ़नामा पेश कर न्यायालय द्वारा पिछली सुनवाई पर पूछे गए सवालों पर प्रदेश सरकार की तरफ से सरकार का पक्ष पेश किया गया था। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई दो नवम्बर नियत कर प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था और गृह विभाग के किसी सचिव स्तर के अफसर को पेश होने के निर्देश दिए थे।

गौरतलब है कि उस दिन युवती के परिवार के पांच सदस्यों के साथ ही प्रदेश पुलिस के मुखिया सहित तलब शीर्ष अधिकारियों तथा हाथरस के डीएम व एसपी का पक्ष जाना था। इस दौरान सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता(एएजी) विनोद कुमार शाही ने सरकार का पक्ष रखा था। हाथरस के पीड़ित परिवार के सदस्यों ने पीठ के सामने अपना पक्ष रखा था। इसके बाद डीपीजी हितेश चंद्र अवस्थी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने भी अदालत को की गई कार्रवाई से अवगत कराया था। हाथरस के डीएम प्रवीन कुमार पक्षकार तथा एसपी विनीत जायसवाल ने पीड़ित पक्ष को जिला व पुलिस प्रशासन की तरफ से मिल रहे सहयोग के बारे में अदालत को अवगत कराया था। न्यायालय ने इस घटना का स्वत संज्ञान लिया था, जिसपर यह जनहित याचिका दर्ज हुयी थी।


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