हाथरस रेप कांड - CBI ने फाईल की चार्जशीट, विपक्ष हुआ हमलावर

हाथरस रेप कांड में सीबीआई ने चार आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में एससी-एसटी एक्ट, हत्या, गैंगरेप के तहत चार्जशीट दाखिल कर दी

Update: 2020-12-18 15:13 GMT

हाथरस। हाथरस रेप कांड में सीबीआई ने चार आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में एससी-एसटी एक्ट, हत्या, गैंगरेप के तहत चार्जशीट दाखिल कर दी है। सीबीआई ने पीड़िता के आखिरी बयानों को आधार बनाया है। चार्जशीट में कहा गया है कि चारों आरोपियों ने पीड़िता के साथ रेप किया था। सीबीआई के चार्जशीट दाखिल करने के बाद विपक्ष पूरी तरह से हमलावर हो गया है। विपक्ष का कहना है कि पीड़िता को बदनाम करने का प्रयास किया गया। परिवार को धमकाया गया। पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार तक करने की परिवार को इजाजत नहीं दी गई। लेकिन अंत में जीत सत्य की हुई हैं। 

ज्ञातव्य है कि 14 सितम्बर को हाथरस निवासी लड़की से गैंगरेप किया गया था। गंभीर हालत में पीड़िता को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 29 सितम्बर को उसकी मौत हो गई थी। आरोप है कि सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर को पीड़िता की मौत के बाद पुलिस रात में ही उसका शव गांव ले गई थी। वहां परिवार की गैरमौजूदगी में पुलिस ने गुपचुप तरीके से शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठने शुरू हो गये थे। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए विपक्ष के साथ साथ सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन भी किये थे। इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई से मामले की जांच कराने की सिफारिश की थी। सीबीआई ने 11 अक्टूबर को हाथरस रेप केस की जांच शुरू की थी। जांच के दौरान पीड़ित और आरोपियों के परिजनों समेत 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई थी। घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने का दावा करने वाले चश्मदीद छोटू से भी कई बार पूछताछ की गई थी। क्राइम सीन के री-क्रिएशन के साथ घटनास्थल का नक्शा भी बनाया गया था।

आज इस मामले में सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट में 2000 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई ने 22 सितम्बर को पीड़िता की मौत से पहले के उसके बयान को आधार बनाकर चार्जशीट फाईल की है। चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपियों संदीप, लवकुश, रामकुमार व रवि ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था। सीबीआई ने इस मामले में आरोपी बनाये गये चार लोगों के खिलाफ धारा 325-एससी/एसटी एक्ट, 302 (हत्या), 376 ए और 376 डी के तहत आरोप तय किये हैं। चार्जशीट दाखिल होने के बाद पीड़िता के भाई ने कहा कि आज हमें पहली सीढ़ी पर न्याय मिला है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हाथरस के डीएम को हटाया जाना चाहिए।

कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 27 जनवरी की तारीख तय की है। कोर्ट ने हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार और तत्कालीन एसपी विक्रांतवीर को तलब किया है। पीड़ित परिवार भी उक्त तिथि को कोर्ट में मौजूद होगा। पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा का कहना है पीड़ित परिवार को कंपनसेशन दिलाने की जिम्मेदारी हाथरस डीएम की थी, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। हाथरस केस में पीड़ित के भाई ने ही एफआईआर दर्ज कराई थी।

वहीं दूसरी ओर अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों को पिछले महीने गुजरात ले जाकर उनका ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाया गया था। आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट और बायोस प्रोफाइलिंग भी हुई थी। इसकी रिपोर्ट भी एक हफ्ते पहले ही सीबीआई को मिल चुकी है।

सीबीआई द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के बाद विपक्ष पूरी तरह से हमलावर हो गया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमैटी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि पीड़िता के शव को जबरदस्ती जला दिया गया था। उसे बदनाम करने की कोशिशें की गई थी। परिवार को धमकाया गया था लेकिन अंततः जीत सत्य की ही हुई है।

कांग्रेस नेता कमल किशोर ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री से लेकर पुलिस और डीएम तक पीड़ित परिवार के खिलाफ था। ऐसे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उक्त परिवार का साहस बने। उन्होंने कहा कि हमें अपने नेताओं पर गर्व है, जो सच्चाई और अन्याय के खिलाफ खड़े रहे।

टीएन सिंह कैबिनेट मिनिस्टर छत्तीसगढ़ ने कहा कि हाथरस की पीड़िता को इंसाफ क्या केवल सीबीआई के चार्जशीट फाईल करने से मिल जायेगा। दुष्कर्मियों को शायद न्यायालय से सजा मिल भी जाये, लेकिन उत्तर प्रदेश प्रशासन का क्या, जिसने परिवार को पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार करने का अधिकार भी नहीं दिया। ऊपर से उसकी अस्मिता पर भी सवाल उठाये।

समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील साजन ने कहा कि सीबीआई की चार्जशीट सरकार के चेहरे पर करारा तमाचा है। बीजेपी कह रही थी कि लड़के निर्दोष हैं। सीबीआई जांच हुई, तो न्याय हो रहा है।

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