मजबूत पैरवी कर अपराधियों को सजा कराने में जुटी है हापुड़ पुलिस
हापुड़ पुलिस अपने कप्तान दीपक भूकर के नेतृत्व में अब तक मजबूत पैरवी कर 410 मुकदमों में 606 अभियुक्तों को सजा दिला चुकी
हापुड़। जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ पुलिस पर मुकदमों में मजबूत पैरवी कर अपराधियों को सजा दिलाने की भी जिम्मेदारी होती है और हापुड़ पुलिस अपने कप्तान दीपक भूकर के नेतृत्व में अब तक मजबूत पैरवी कर 410 मुकदमों में 606 अभियुक्तों को सजा दिला चुकी है। जिनमे से एक मर्डर और बलात्कार के आरोपी को 3 महीने में आजीवन कारावास की सजा कराने में कामयाबी भी हासिल की है।
गौरतलब है कि हापुड़ के पुलिस कप्तान की जिम्मेदारी संभालने के बाद से आईपीएस अफसर दीपक भूकर के नेतृत्व में पुलिस अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। हापुड़ पुलिस अपराध करने के बाद अपराधी को जेल भेजकर ही पल्ला नहीं झाड़ रही है बल्कि उसके जेल जाने के बाद उन मुकदमों की अभियोजन के माध्यम से मजबूत पैरवी कर सजा कराने में भी जुटी हुई है।
कप्तान दीपक भूकर के नेतृत्व में हापुड़ पुलिस उनके कार्यभार संभालने के बाद अब तक कुल 410 मुकदमों में 606 अभियुक्तों को सजा दिला चुकी है। इसी कड़ी में हापुड़ पुलिस ने हत्या के 3 मुकदमों में 12 अभियुक्तों को, गैंगस्टर अधिनियम के अंतर्गत 2 मुकदमों में दो मुल्जिमों, शस्त्र अधिनियम के 73 मामलों में 75 अभियुक्तों को, पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज 12 मुकदमों में से 14 अपराधियों को तथा अन्य 320 मुकदमों में 503 अभियुक्तों को सजा दिला चुकी है, यानी हापुड़ पुलिस अब तक कुल 410 मुकदमों में 606 अभियुक्तों को सजा दिला चुकी है।
अभियोजन के माध्यम से पुलिस की सशक्त पैरवी का ही परिणाम है कि हापुड़ कोतवाली नगर पर दर्ज अपहरण, हत्या एवं बलात्कार के अपराधी को 50 दिन के अंदर ही उम्र कैद की सजा दिलाई जा चुकी है। दरअसल हापुड़ में 6 साल की बच्ची से रेप कर हत्या मामले में जिला अदालत ने अमजद नाम के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पुलिस ने इस मामले में 2 सप्ताह के अंदर चार्जशीट न्यायालय में पेश कर दी थी, जिसके बाद 44 दिनों के न्यायिक ट्रायल के बाद न्यायाधीश ने अभियुक्त को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई।
दरअसल थाना हापुड़ कोतवाली क्षेत्र के मौहल्ला त्रिलोकीपुरम की दूसरी क्लास में पढ़ने वाली 6 साल की मासूम बच्ची अचानक संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थी। उसकी काफी तलाश की गई मगर उसका पता नही चल पाया। बाद में पड़ोस के एक मकान से बदबू आने पर जब पुलिस को सूचना दी गई तो पुलिस की मौजूदगी में घर का ताला तोड़ा तो बच्ची का शव बरामद हुआ था। पुलिस के चार्जशीट दाखिल करने के बाद अभियोजन के माध्यम से पुलिस ने लगातार मजबूत पैरवी की जिस कारण 3 महीने के अंदर ही हापुड़ पुलिस ने अमजद को आजीवन कारावास यानी अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा कराई।
इसके साथ ही जनपद के थाना हाफिजपुर क्षेत्र के गांव महमूदपुर के जंगल में सलमान की हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दो सगे भाइयों असलम व अकरम को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
इसके साथ ही गढ़मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र में 26 जनवरी 2017 को एक नाबालिग बच्ची शौच के लिए जंगल में गई थी। जहां से गांव माछरा थाना किठौर जिला मेरठ निवासी दिनेश पुत्र रुपचंद उसका अपहरण कर ले गया था। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर नाबालिग किशोरी को भी बरामद कर लिया था। पुलिस ने मामले की जांच व किशोरी के बयान के बाद आरोपी पर अपहरण, दुष्कर्म के साथ ही अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का मुकदमा दर्ज किया। पीड़िता के नाबालिग होने के कारण मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ने दोषी को अपहरण के मामले में सात वर्ष व दुष्कर्म के मामले में दस वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।