संतान के लिए कबूतर की गर्दन काटकर फेंकी थी मंदिर में खून की बूंदे
गांव के ही रहने वाले इंद्रपाल की शादी को तकरीबन 25 वर्ष हो गए हैं, लेकिन उसके अभी तक कोई संतान नहीं थी।
मुजफ्फरनगर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह के निर्देश पर जनपद के चरथावल थाना क्षेत्र के ग्राम रोनी हरजीपुर के मंदिर में खून के छींटें फेंके जाने की घटना का खुलासा करते हुए पुलिस ने इस बाबत तांत्रिक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। संतान प्राप्ति के लिए कबूतर की गर्दन काट कर उसके खून के छींटें मंदिर और प्रतिमाओं पर फेंके गए थे।
शुक्रवार जिला मुख्यालय पर पुलिस लाइन के सभागार में बुलाई गई प्रेस वार्ता में एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने जानकारी देते हुए बताया है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह के निर्देशन में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही जनपद की थाना चरथावल पुलिस ने एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत के पर्यवेक्षण तथा क्षेत्राधिकारी सदर राजकुमार साव एवं प्रभारी निरीक्षक जसवीर सिंह के निर्देशन में नेतृत्व में 30 मई को चरथावल थाना क्षेत्र के गांव रोनी हरजीपुर के भमेला रोड पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर में शिव परिवार की प्रतिमा का शीशा टूटा होने तथा मंदिर के भीतर तथा आसपास खून की छींटे मिलने के मामले तक खुलासा कर दिया है।
उन्होंने बताया है कि मामले की जांच पड़ताल कर रही थाना चरथावल पुलिस के प्रभारी निरीक्षक जसवीर सिंह नेतृत्व में उपनिरीक्षक जय किशोर, उपनिरीक्षक अमित कुमार, हैड कांस्टेबल देवेंद्र सिंह तथा सचिन कुमार की टीम ने टांडा नहर पुल से तांत्रिक ऋषि पाल पुत्र वीर सिंह निवासी ग्राम रोनी हरजीपुर के अलावा इंद्रपाल पुत्र दलेल सिंह निवासी ग्राम रोनी हरजीपुर मनीष उर्फ़ मोनू पुत्र रामपाल निवासी ग्राम रोनी हरजीपुर तथा सुभाष पुत्र किशना निवासी ग्राम रोनी हरजीपुर को गिरफ्तार किया है।
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में पकड़े तांत्रिक ऋषि पाल पुत्र वीर सिंह ने बताया है कि वह तंत्र मंत्र का काम करता है और तंत्र-मंत्र के सहारे उसने कई लोगों का इलाज भी किया है।।
ऋषिपाल ने बताया है कि गांव के ही रहने वाले इंद्रपाल की शादी को तकरीबन 25 वर्ष हो गए हैं, लेकिन उसके अभी तक कोई संतान नहीं थी।
संतान प्राप्ति के लिए सुभाष के माध्यम से इंद्रपाल तांत्रिक रिशिपाल के पास पहुंचा था, जिस पर इंद्रपाल को संतान प्राप्ति का उपाय बताते हुए तांत्रिक रिशिपाल ने मनीष, सुभाष और इंद्रपाल के साथ मिलकर योजना बनाई।
इस योजना के तहत चारों ने जंगल में पहुंचने के बाद वहां से एक कबूतर पकड़ा और 29- 30 मई की रात में गांव के भमेला रोड पर बाबा दीवान नाथ समाधि प्राचीन मंदिर रोनी हरजीपुर में पहुंचकर जंगल से पकड़े गए कबूतर की गर्दन काटकर उसके खून की बूंदे मंदिर में गिरा दी थी जिससे इंद्रपाल को संतान प्राप्ति हो सके।