नकली रेमेडिसविर टीका मामले में दवा कंपनी सील-11 गिरफ्तार
पुलिस द्वारा नकली दवाओं की कालाबाजारी पर एक और प्रहार करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
चंडीगढ़। कोरोना की दूसरी लहर बीच जहाँ आम जनमानस पूरी तरह परेशान है। सरकार की चिंता बढ़ी हुई है वहीं कुछ लोग आपदा में अवसर खोजने में लगे हैं। कुछ लोगों को सिर्फ अपनी मुनाफाखोरी से मतलब है। दुनिया जाए भाड़ में।
हरियाणा पुलिस द्वारा नकली दवाओं की कालाबाजारी पर एक और प्रहार करते हुए हिमाचल प्रदेश दवा नियंत्रक विभाग के साथ संयुक्त कार्रवाई कर नालागढ़ में नकली रेमेडिसविर टीका निर्माता दवा कम्पनी को सील करते हुये इस सिलसिले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने गत 21 अप्रैल को अम्बाला से चार युवकों को रेमडेसिविर टीका की कालाबाजारी करते हुये गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 24 इंजेक्शन बरामद किए थे। इस सम्बंध में अम्बाला में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। पुख्ता जानकारी और सूचना के आधार पर जांच के दौरान इस मामले अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दवाओं की कालाबाजारी में गिरफ्तार सभी आरोपी जरूरतमंद लोगों को रेमडेसिविर टीका कई गुणा कीमत पर बेच रहे थे।
हरियाणा पुलिस ने नालागढ़ में दिलप्रीत सिंह के स्वामित्व वाली निर्माण इकाई ऑल्फिन ड्रग्स प्राइवेट लिमिटेड का पता लगाते हुए हिमाचल प्रदेश दवा नियंत्रक अधिकारी के सहयोग से इस कम्पनी को सील कर दिया है। बरामद किए गए कुल 673 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में से 423 इंजेक्शन गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से जब्त किये गए तथा शेष 250 गत सोमवार को कम्पनी परिसर से बरामद हुए। जांच के दौरान पंजाब के चमकौर साहिब थाने के सलेमपुर गांव में नहर में फेंके गए रेमडेसिविर इंजेक्शन से इन आरोपियों की कड़ी सामने आई है। मामले में आगे जांच जारी है और इस गोरखधंधे में संलिप्त अन्य लोगों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है।