डीजी जेल आनंद कुमार-फर्जीवाडा करने वाले फार्मासिस्ट व बंदीरक्षक सस्पेंड
शानदार ट्रैक रिकाॅर्ड रखने वाले डीजी कारागार आनंद कुमार ने फर्जीवाडा करने वाले फार्मासिस्ट और बंदीरक्षक को निलंबित किया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में एक शानदार ट्रैक रिकाॅर्ड रखने वाले डीजी कारागार आनंद कुमार ने जेल में फर्जीवाडा करते हुए बंदियों और कैदियों को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाकर भ्रष्टाचार करने के आरोप में दोषी पाये गये फार्मासिस्ट और बंदीरक्षक को निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई से राज्य के कारागारों में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया है।
लखनऊ के जिला कारागार में एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आया था। इसमें जिला जेल के फॉर्मासिस्ट शैलेंद्र सिंह यह कबूल करते हुए नजर आते हैं कि जेल में बंद रसूखदार बंदियों को वह जब चाहे उनके मनमाफिक अस्पताल में भर्ती करवा सकता है। स्टिंग के दौरान उसने कई रसूखदार बंदियों के नाम भी लिए जो लाखों रुपए देकर कई महीने बाहर के अस्पतालों में भर्ती होकर मौज करते रहे हैं। इसके लिए इन बंदियों की फार्मासिस्ट के द्वारा फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनवाई जाती थी और इसी रिपोर्ट के आधार पर इन बंदियों को उपचार के नाम पर जेल से बाहर अस्पतालों तक पहुंचाने का रास्ता साफ कर दिया जाता था। इस स्टिंग ऑपरेशन में बंदीरक्षक सुशील मिश्रा भी फंसे हैं। सुशील मिश्रा पैसे की डील के आधार पर बंदियों को जेल के अन्दर ही खानपान की प्रत्येक सुविधा उपलब्ध कराने का काम किया करता रहा। इस स्टिंग के बाद बंदीरक्षक सुशील मिश्रा ने बताया कि रिश्वत लेने के आरोप में हटे जेलर अरुण मिश्रा उनके काफी करीबी थे। इसी कारण से जेल में चल रही कैंटीन डिप्टी जेलर के साथ यही बंदीरक्षक चला रहा था। स्टिंग के दौरान बंदीरक्षक ने यह भी कहा कि वह सुविधा शुल्क लेकर जेल में हर तरह के खानपान की सुविधा उपलब्ध करा सकता है।
इस स्टिंग के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन मुख्यालय ने त्वरित एक्शन लिया और जांच बैठा दी थी। डीजी कारागार आनंद कुमार के आदेश पर फार्मासिस्ट और बंदीरक्षक के खिलाफ शुरू हुई जांच में अफसरों ने तेजी से काम किया और इस जांच के दौरान कई ऐसे तथ्य सामने आये, जोकि इन दोनों पर लगे आरोपों को सिद्ध करने के लिए काफी रहे। फार्मासिस्ट शैलेंद्र सिंह जहां बंदियों की फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने का दोषी पाया गया तो वहीं बंदीरक्षक सुशील मिश्रा जेल अधिकारियों की नजर में कैंटीन में कई तरह के प्रतिबंधित सामान भी बेच रहा था।
जांच रिपोर्ट मिलते ही डीजी कारागार आनंद कुमार ने फार्मासिस्ट शैलेंद्र सिंह और बंदीरक्षक सुशील मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके लिए डीजी आनंद कुमार के निर्देश पर जेल मुख्यालय ने सोमवार को स्टिंग ऑपरेशन में फंसे फार्मासिस्ट और बंदीरक्षक को निलंबित करने का आदेश जारी किया। स्टिंग में लगे आरोपों में जेल के कई अधिकारियों संदेह के घेरे में आ गए हैं। जेल मुख्यालय इन अधिकारियों पर भी जल्द कार्रवाई कर सकता है।