GST में बड़ा गोरखधंधा- मिले 41 करोड़ के फर्जी बिल, एक गिरफ्तार

की गई शुरुआती जांच पड़ताल में 41 करोड़ के फर्जी बिलों के आधार पर 18 करोड़ के आईटीसी का पता चला है।

Update: 2022-08-19 09:20 GMT

नई दिल्ली। सीजीएसटी के आयुक्त मुख्यालय की टीम ने सूचना के आधार एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी आईटीसी पाने के लिए फर्जी बिलों के आधार पर अपना दावा करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। अभी तक की गई शुरुआती जांच पड़ताल में 41 करोड़ के फर्जी बिलों के आधार पर 18 करोड़ के आईटीसी का पता चला है। इस सिलसिले में एक कारोबारी को गिरफ्तार किया गया है।

शुक्रवार को सीजीएसटी के भिवंडी के आयुक्त सुमित कुमार ने बताया है कि विभाग को इनपुट टैक्स क्रेडिट यानि आईटीसी पाने के लिए फर्जी बिलों का इस्तेमाल किए जाने की जानकारी मिली थी। इसके लिए गोपनीय ढंग से एक टीम गठित की गई और उसे जांच पड़ताल का जिम्मा सौंपा गया। विभागीय जांच पड़ताल में पता चला है कि यह गिरोह संगठित तरीके से नकली जीएसटी चालान के माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा उठाने में लगा हुआ था।

टैक्स चोरों से जुड़ी एक फर्म ने 14.30 करोड रुपए के फर्जी बिलों के माध्यम से तकरीबन 2.57 करोड रुपए की आईटीसी का लाभ उठाया था। मामला पकड़ में आते ही फर्म के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में जांच पड़ताल का काम अभी तक जारी है। जिसके चलते अभी अन्य मामले सामने आने की उम्मीद है।

उन्होंने बताया कि जिस फर्म के कर्ताधर्ता को दबोचा गया है उस फर्म का नाम मैसर्स विश्वकर्मा इंटरप्राइजेज है जिसने 14.30 करोड रुपए के फर्जी चालान के आधार पर 2.57 करोड रूपये की आईटीसी का लाभ उठाया है।

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