ADG का पुलिस कप्तानों को पत्र-शराब माफियों पर कसेगी नकेल
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने यूपी के सभी कप्तानों को पत्र लिखा है
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जहरीली शराब के कारण हुई सैंकड़ो लोगो की मृत्यु के बाद यूपी पुलिस अब शराब माफिया पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है। डीजीपी मुख्यालय की तरफ से पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की गई है। जिसके लिए उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने यूपी के सभी कप्तानों को पत्र लिखा है।
पत्र में एडीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने सभी पुलिस कप्तानों को पत्र भेजकर आईना दिखाया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से घटना हुई है, उससे साफ है कि जिले में पुलिस द्वारा मिलावटी शराब की बिक्री रोकने के लिए पूरे प्रयास और इंटेलिजेंस का उपयोग नहीं किया गया। इस वजह से ऐसी घटनाओं की कई जगह पुनरावृत्ति भी देखने में आई है।
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पुलिस कप्तानों से है कहा कि अवैध शराब और माफियाओं के खिलाफ अपने निर्देशन में कानूनी कार्रवाई कराई जाए। अवैध शराब के सेवन से होने वाली मौतें से कानून व्यवस्था बरकरार रखने में मुश्किल होती है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि इसकी रोकथाम के लिए प्रशासनिक मजिस्ट्रेट, आबकारी अधिकारी,सीओ की संयुक्त टीम बनाकर शराब के ठेकों पर नियमित जांच की जाए। जिलों में हर महीने क्राइम मीटिंग में आबकारी अधिकारी को भी बुलाया जाए और उन्हें सख्त से सख्त हिदायत दी जाए।
एडीजी प्रशांत कुमार ने थाने के बीट स्तर के कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियों के बारे में थाना प्रभारी को सूचित करें। पर्याप्त पुलिस बल के साथ छापेमारी की जा सके। जरूरत पड़ने पर पूरे सर्किल के पुलिस बल का इस्तेमाल किया जाए और उसकी रिपोर्ट पुलिस कप्तान को दी जाए। ऐसे अपराध में लिप्त लोगों के मुकदमे की विवेचना जल्द से जल्द पूरी कर चार्जशीट दाखिल करें और प्रभावी पैरवी कर सजा दिलवाई जाए। आरोपी की गिरफ्तारी हो और उस पर इनाम भी घोषित किया जाए।
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने यह भी कहा कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी या पुलिसकर्मी शराब के अवैध धंधे में संलिप्त पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाए। यदि किसी गांव में बार-बार ऐसे अपराध हो रहे हैं, तो वहां के चौकीदार को तुरंत बर्खास्त किया जाए। उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम में वर्ष 2017 में संशोधन के मुताबिक जहरीली शराब से मुक्ति अपंगता की स्थिति में दोषी खिलाफ धारा 60क तहत मुकदमा दर्ज होता हो,जिससे उसे मृत्युदंड या आजीवन कारावास व 10 लाख जुर्माने की सजा दिलाई जा सके।
ADG प्रशांत कुमार ने शराब माफिया व अपराधियों पर गैंगस्टर व रासुका लगाने के लिए भी कहा है ताकि उनकी संपत्ति की कुर्की की जा सके।