मैनपुरी- मुहब्बत में लगाया अड़ंगा तो मिली मौत,कप्तान अजय ने किया इन्साफ
कुछ ही दिन बाद मृतक की पुत्री अंजली और गाँव के ही एक युवक सोनू के बीच प्रेम संबंधों की बात मुखबिरों द्वारा पता चली
मैनपुरी। आईपीएस अजय कुमार पांडेय अपने इन्साफ पसंद काम के चलते शामली की जनता के बीच हीरो के रूप में जाने जाते थे। अब वो मैनपुरी में भी निष्पक्ष पुलिसिंग कर रहे है। प्रेम में प्रेमिका का पिता अड़ंगा लगाने लगा तो प्रेमी ने शूटर के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। मृतक के परिजनों ने गाँव के दो लोगो को नामजद कर दिया मगर मैनपुरी के कप्तान अजय कुमार पांडेय को नामजदगी में कुछ शक हुआ तो उन्होंने अपनी कार्यशैली के मुताबिक इस हत्याकांड की कमान खुद संभाली और जुट गए कातिल को पकड़ने में । घटना के एक एक बिंदु पर गहनता से जांच की गयी तो असली कातिल पुलिस की गिरफ्त में आ गए । कप्तान अजय कुमार के इस गुडवर्क से जहाँ कातिलों को जेल जाना पड़ा, वही नामजद दो बेकसूर को इन्साफ मिल गया।
गौरतलब है कि 11 जून की सुबह पुलिस को सूचना मिली थी कि गाँव रमईहार के पास एक व्यक्ति की गोली मार कर हत्या कर दी गई है। मृतक नंद किशोर का शव मक्के के खेत की फेंसिंग पर लटका मिला था। परिजनों ने गाँव के ही दो लोगों राकेश व दिवाकर को नामज़द कराते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने गहनता से विवेचना करते हुए नामज़द अभियुक्तों से सघन पूछताछ की तो पुलिस को दोनों नामजद बेगुनाह नजर आये जिस कारण कप्तान अजय कुमार ने पुलिस को कुछ बिंदुओं पर जांच करने को कहा।
कप्तान से मिले आदेश के बाद पुलिस ने मुखबिरों और सर्विलांस का सहारा लिया, जिसमे पुलिस को सफलता मिल गयी। पुलिस को मृतक की पुत्री अंजली और गाँव के ही एक युवक सोनू उर्फ़ सुनील के बीच प्रेम संबंधों की बात मुखबिरों द्वारा पता चली तो घटना में एक नया मोड़ आ गया। लड़की के प्रेमी सोनू उर्फ़ सुनील (उम्र 20 वर्ष, फ़ार्मेसी का छात्र) से जब पूछताछ हुई तो शुरू में वह पुलिस को बरगलाने लगा इस बीच सोनू बार बार अपना बयान बदल रहा था। इस पर पुलिस का शक गहराता गया और जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ शुरू की तो सोनू ने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया ।
सोनू ने अपने जुर्म का इक़बाल करते हुए पुलिस को बताया कि मृतक नंद किशोर ने मेरी प्रेमिका अंजली को फ़ोन पर मुझसे बातचीत करते हुए पकड़ लिया था। इसके बाद से अंजली के घर में काफ़ी सख़्ती हो गई थी। यही नहीं, मृतक नंद किशोर ने अंजली की शादी दूसरी जगह तय करने के बाद मुझे अकेले में बुलाकर जान से मार डालने की धमकी तक दे डाली थी, तब मैं काफ़ी डर गया था, और तभी से मैं नंद किशोर को रास्ते से हटाने के बारे में सोचने लगा था।
सोनू ने बताया कि इसी बीच मेरी गाँव के ही शार्प शूटर ब्रहमपाल से दोस्ती हो गई, उसको सारा प्लान बताया। उसने मर्डर करने के लिए रूपया 50,000 माँगे, मैं तैयार हो गया और 10,000 एडवांस भी दे दिए। इसके कुछ ही दिन बाद शूटर ब्रहमपाल ने 2 तमंचो की व्यवस्था की। संतोष नामक आदमी ने कारतूसों की व्यवस्था की और प्लान फ़ाइनल हो गया। 10 जून की रात मैं और ब्रह्मपाल मर्डर करने की नीयत से निकले। मृतक नंद किशोर रोज़ाना की तरह ख़ाना खाकर अपनी ट्यूबवेल पर सोने के लिए निकला। हम दोनों पीछे लग गए। जैसे ही नंद किशोर मक्का के खेतों के बीच पहुँचा हमने उसे घेर कर एक एक करके दो गोलियाँ पेट और सिर में मार दी। मैंने पेट में गोली मारी और ब्रहमपाल ने सिर में गोली मार दी। नंद किशोर फेंसिंग पर गिर गया, और हम दोनों भाग गए और दोनों तमंचों को प्राइमरी स्कूल के पीछे खेत में छिपा दिया। सुबह हुई तो गाँव के लोगों को मर्डर के बारे में पता चला, फ़ौरन पुलिस भी आ गई थी। उस वक्त हम भी उसी भीड़ में शामिल थे फिर जब दो अलग अलग लोगों की नामज़दगी हुई तो हम दोनों बहुत खुश हुए और ठहाका लगा कर हँसे भी थे, इसके बाद पुलिस टीम द्वारा न केवल शूटर ब्रहमपाल को गिरफ़्तार कर लिया गया बल्कि दोनों असलहों को रमईहार गाँव वालों की मौजूदगी में उनके सामने ही सोनू और ब्रहमपाल की निशान देही पर प्राइमरी स्कूल के पीछे वाले खेत से बरामद भी कर लिया गया।
मैनपुरी एसपी अजय कुमार ने बताया कि इस खुलासे से एक तरफ न केवल मुख्य दो हत्यारे सोनू और शूटर ब्रहमपाल जेल की सलाख़ों के पीछे जा रहे हैं तो दूसरी तरफ़ दो निर्दोष नामज़दों राकेश व दिवाकर की ज़िन्दगी अपराधी होने के दाग से बच गई है। पुलिस की मेहनत, लगन व दिन-रात काम करने से ही यह संभव हो सका है। इस निष्पक्षतापूर्ण कार्य को देखते हुए थाना प्रभारी कोतवाली भानु प्रताप सिंह, सर्विलांस प्रभारी जोगिन्दर व स्वाट प्रभारी राम नरेश व उनकी टीम को रूपया 25,000 का नक़द ईनाम प्रदान किया जा रहा है।