दिल्ली बॉर्डर पर लगातार बढ रहा हैं किसानों का जमावड़ा

किसानों के लगातार राजधानी कूच से दिल्ली बॉर्डऱों पर किसानों का जमावडा बढता जा रहा हैं।

Update: 2020-12-02 10:24 GMT

नई दिल्ली। संसद में पारित कर लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों को वापिस लिए जाने समेत अन्य विभिन्न मांगों के लिए आंदोलन कर रहे किसानों के सर्मथन में हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर-प्रदेश समेत देश के अन्य भागों से किसानों के लगातार राजधानी कूच से दिल्ली बॉर्डऱों पर किसानों का जमावडा बढता जा रहा हैं। व्यवस्था बनाने में लगी पुलिस सीमाएं सील कर लोगों को अन्य रास्तों से भेजकर वैकल्पिक उपाय कर रही हैं। 

पिछले सात दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर राजधानी में प्रवेश के लिए डटे किसानों के सर्मथन में देश के विभिन्न राज्यों के किसान पर्याप्त साजो-सामान के साथ निरंतर दिल्ली कूच कर रहे हैं। जिससे सीमाओं पर लगभग किसानों का कब्जा हो गया हैं। सडकों पर किसानों के डटे रहने से मुख्य मार्गों पर यातायात सुचारू रखने में पुलिस को भारी जददोजहद करनी पड रही हैं। किसान आंदोलन के कारण चिल्ला बॉर्डर बंद हो जाने से अब पुलिस यात्रियों से दूसरे रास्तों से जाने की अपील वाहन चालकों से कर रही हैं।

उधर गृहमंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद भी दिल्ली की सीमाओं पर सड़क जाम कर धरने पर बैठे किसान बुराड़ी के निरंकारी मैदान में आने को तैयार नहीं है। इससे टीकरी और सिंघु बॉर्डर के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों के साथ-साथ दिल्ली पुलिस भी खासी परेशान हैं। किसान आंदोलन के कारण अब दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के जनजीवन पर बुरा असर पड़ने लगा है। इससे लोगों में आक्रोश बढनें जैसे तमाम पहलुओं को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने हर तरह के हालात से निपटने के लिए सभी सीमाओं पर फोर्स की तैनाती बढ़ा दी है।

मुख्यालय सूत्रों की मानें तो कड़ी कार्रवाई करने के लिए पुलिस पूरी तरह तैयार है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि दिल्ली की कानून व्‍यवस्‍था को किसी सूरत में बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। बार बार पुलिस के आला अधिकारी किसान नेताओं से बात कर उनसे बुराड़ी स्थित निरंकारी मैदान में आने की अपील कर रहे हैं लेकिन वह कोई बात मानने को तैयार नहीं है। बुराड़ी के निरंकारी मैदान में किसानों को रहने के लिए भव्य इंतजाम किए गए है लेकिन किसान वहां जाने को तैयार नहीं है। जो किसान वहां पहुंचे भी है वो अपने-अपने ट्रैक्टर ट्राली में ही रह रहे हैं। किसी भी टेंट में किसान नहीं जा रहे हैं।

किसानों की भीड़ को देखते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी चौकस रहने को कहा गया है। ताकि भीड़ की आड़ में कोई आतंकी संगठन अपने नापाक इरादे को अंजाम ना दे बैठे। सूत्रों के मुताबिक सीमाओं पर दिल्ली पुलिस के अलावा 23 कंपनी पैरा मिलिट्री की भी तैनाती की गई है। दिल्ली पुलिस ने 2000 आंसू गैस के गोले मंगाए हैं। सीमाओं पर स्थिति ना बिगड़े इसके लिए हर समय वहां डीसीपी स्तर के एक अधिकारी की तैनाती रहेगी। विशेष आयुक्त स्तर के अधिकारी पूरे हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उधर भाकियू नेता हरिओम त्यागी ने सरकार के रुख पर लाल-पीले होते हुए कहा हैं कि सरकार चीन, पाकिस्तान, बंगलादेश से भी बात करती है जो भारत मे आतंकी भेजकर हमारे सेना के जवानों व जनता को निशाने पर लेकर मारते है और आतंक फैलाते है। क्या किसान चीन, पाकिस्तान से भी खराब है जो सरकार बात नही करती, 26 जनवरी तो क्या 15 अगस्त आ जाए। हम सभी किसान मैदान में डटे रहेंगे।

बुधवार को मध्यप्रदेश के किसानों का भी दिल्ली की तरफ मार्च शुरू हो गया। दिल्ली-नोएडा चिल्ला बॉर्डर पर पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के किसान आंदोलनकारियों के सर्मथन में जमा हैं।

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