छात्र छात्राओं को मिली राहत-अब इतने अंको से कम पर भी मिलेगी छात्रवृत्ति
इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करते हुए 60 फीसदी से भी कम नंबर लाने वाले एचपी एससी-एसटी छात्र छात्राओं को निजी संस्थानों में प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला लेने पर फिर से छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिल सकेगा
लखनऊ। इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करते हुए 60 फीसदी से भी कम नंबर लाने वाले एचपी एससी-एसटी छात्र छात्राओं को निजी संस्थानों में प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला लेने पर फिर से छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिल सकेगा। पिछले 2 साल से इंटरमीडिएट में 60 फ़ीसदी से कम नंबर लाने वाले एससी-एसटी छात्र स्कॉलरशिप से वंचित हो रहे थे। अब सरकार की ओर से निजी संस्थानों में प्रोफेशनल कोर्स करने वाले एसटीएसटी छात्रों के लिए इंटरमीडिएट में 60 फीसदी अंक वाले प्रावधान को खत्म कर दिया गया है।
दरअसल वर्ष 2019 के अक्टूबर माह में समाज कल्याण विभाग की ओर से एससी-एसटी दशमोत्तर छात्रवृत्ति की योजना के नियमों में बदलाव किया गया था। जिसके अंतर्गत सरकार की ओर से निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों से प्रोफेशनल कोर्स करने वाले एससी-एसटी के उन्हीं छात्र छात्राओं को स्कॉलरशिप देने का पात्र माना था, जिन्हें इंटरमीडिएट में 60 फ़ीसदी या इससे अधिक अंक प्राप्त हुए हो। इसके बाद से निजी संस्थानों में प्रोफेशनल कोर्स कर रहे एससी एसटी के 12वीं में 60 प्रतिशत से कम अंकों वाले छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप मिलना बंद हो गई थी। यह कोर्स ऐसे थे, जिनमें बारहवीं कक्षा के अंकों के आधार पर निजी संस्थानों में प्रवेश मिलता था। मौजूदा शिक्षा सत्र में अब निजी संस्थानों से प्रोफेशनल कोर्स कर रहे इंटरमीडिएट में 60 फ़ीसदी से भी कम अंक पाने वाले एससी एसटी के छात्र-छात्राएं भी स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति पाने के हकदार होंगे।