बारहवीं की परीक्षा कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका
शिक्षकों के अलावा शिक्षाविदों और संस्थानों के प्रमुखों का एक बड़ा वर्ग परीक्षा आयोजित करने के पक्ष में है
नई दिल्ली। बारहवीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षाओं का परिणाम ग्रेडिंग के आधार पर घोषित करने संबंधी याचिका के उलट केरल के एक शिक्षक ने परीक्षा का आयोजन सुनिश्चित कराने को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
केरल के गणित शिक्षक टोनी जोसेफ ने वकील जोस अब्राहम के जरिये एक हस्तक्षेप याचिका दायर करके कहा है कि वह शिक्षक हैं और अपने छात्रों के भविष्य के बारे में चिंतित हैं।
हस्तक्षेप याचिकाकर्ता ने कहा है कि बारहवीं कक्षा की परीक्षा करियर को नया आयाम देने वाली होती है। इतना ही नहीं उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश इस परीक्षा के परिणाम पर निर्भर करता है। ऐसी स्थिति में परीक्षा रद्द करने से उन मेहनती छात्रों के साथ अन्याय होगा, जिन्होंने बोर्ड परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि छात्रों और शिक्षकों के अलावा शिक्षाविदों और संस्थानों के प्रमुखों का एक बड़ा वर्ग परीक्षा आयोजित करने के पक्ष में है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जीवन में तीन-चार महीने की देरी से ही, लेकिन परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि ममता शर्मा की एक मूल याचिका शीर्ष अदालत में लंबित है, जिसमें उन्होंने कोरोना महामारी के कारण बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने और आंतरिक ग्रेडिंग के आधार पर परिणाम घोषित करने के निर्देश देने की मांग की है।
वार्ता