भारी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त, 21 मरे, 9 लापता

लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गधेरों नदी में मलबा आने तथा भूस्खलन के कारण 21 लोगों की मौत हो गई है

Update: 2021-10-19 14:13 GMT

देहरादून। उत्तराखंड में पिछले रविवार से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गधेरों नदी में मलबा आने तथा भूस्खलन के कारण 21 लोगों की मौत हो गई है, आठ घायल हुए तथा नौ लोग लापता हैं।

राज्य के विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण पहाड़ों से पत्थर गिरने और सड़कें क्षतिग्रस्त होने के कारण अनेक राष्ट्रीय राजमार्ग, जिला और ग्रामीण मार्ग अवरुद्व हो गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुबह से ही आपदाग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता देने और राहत कार्यों को युद्धस्तर पर करने का अधीनस्थों को निर्देश दिए है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मंगलवार देर शाम बताया कि नैनीताल जिले में तहसील मुक्तेश्वर के ग्राम तोता पानी में आज सुबह सात बजे भूस्खलन के कारण एक मकान पूर्णता क्षतिग्रस्त हो गया जबकि पांच लोगों की मौके पर ही मलबे में दबने से मौत हो गई है तथा एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। इसी जिले की धारी तहसील के चौखटा गांव में दोपहर 12 बजे अतिवृष्टि के कारण दो लोगों की मौत हुई है जबकि पांच लोग लापता बताए गए हैं। खैरना तहसील के कैंची धाम क्षेत्र में अपराह्न दो बजे भूस्खलन के कारण एक झोपड़ी पूरी तरह नष्ट हो गई और दो लोगों की मौत हुई है।

नैनीताल जिले की ही भवाली तहसील के रामगढ़ में अतिवृष्टि से नौ लोगों की मौत हुई है, जबकि एक व्यक्ति घायल है। जिले में पिछले 12 घण्टे में 18 लोगों की मौत हो चुकी है दो लोग घायल हुए है तथा पांच लापता हैं, जबकि तीन मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं।

अल्मोड़ा जिले की तहसील भतरोज खान के रापण गांव में अतिवृष्टि से दो लोगों की मौत हुई है, जबकि एक व्यक्ति लापता है। यहां एक मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इसी जिले की भिकियासेन तहसील के हीरा डूंगरी गांव में एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि एक व्यक्ति लापता बताया गया है। यहां भी एक मकान पूरी तरह नष्ट हो गया है। चंपावत जिले में एक व्यक्ति की मौत हुई है जबकि दो लोग लापता हैं। इसके अलावा दो व्यक्ति घायल भी हुए हैं तथा एक भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। जिले के टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 09 पर स्वाला और भारतोली के पास भूस्खलन के कारण सड़क पर पत्थर गिरने से पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है।

उधमसिंह नगर के तहसील बाजपुर में अपराह्न 02:30 बजे अतिवृष्टि के कारण एक व्यक्ति गधेरे के पानी में बह गया है। चमोली जिले की जोशीमठ तहसील के मखण्डी गांव में भूस्खलन के कारण चार व्यक्ति घायल हुए है जबकि एक मकान पूरी तरह नष्ट हो गया है। इसी जिले में 13 मोटर मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हो गए हैं। ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 पत्थर गिरने के कारण अवरुद्ध हो गया है। देहरादून जिले में इस दौरान स्थिति सामान्य रही है।

हरिद्वार जिले में गंगा नदी खतरे के निशान 294 मीटर से मात्र दशमलव 10 मीटर नीचे बह रही है। पौड़ी जिले में 14 और उत्तरकाशी में तीन मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। टिहरी जिले में एक राज्य तथा नौ मार्ग अवरुद्ध है। बागेश्वर जिले में एक राजमार्ग और 15 ग्रामीण मार्ग अवरुद्व हुए हैं।

पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा से लगे चार मार्ग, एक मुख्य मार्ग, एक राजमार्ग और 31 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं। इस जिले में बहने वाली काली नदी खतरे के निशान 890 मीटर पर, जबकि सरयू नदी अपने खतरे के निशान 453 पर बह रही है। इसके विपरीत गोरी नदी 606. 75 मीटर पर बह रही है।





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