दादा दादी ने तेंदुए से भिडकर निकाली जबड़े से पोती की जान

इलाके में जिसने भी इस बात को सुना वह अपने दांतो तले अंगुलियां दबाने को मजबूर हो गया;

Update: 2021-08-21 06:07 GMT

नई दिल्ली। जिगर के टुकड़े को तेंदुए के चंगुल में फंसा देख दादा दादी खतरनाक जानवर से भिड़ गए और हिम्मत दिखाते हुए मासूम को जंगली जानवर के जबड़े से निकाल लिया। इलाके में जिसने भी इस बात को सुना वह अपने दांतो तले अंगुलियां दबाने को मजबूर हो गया। चारों तरफ हर कोई इस बुजुर्ग दंपत्ति की चर्चा करते हुए उनके साहस की प्रशंसा कर रहा है। घटनाक्रम के मुताबिक मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क के पास एक गांव के घर में तेंदुआ घुस गया। घर के आंगन में बुजुर्ग दंपत्ति अपनी पोती के साथ सोए हुए थे। घर में घुसे तेंदुए ने दादा दादी के पास सो रही 2 साल की पोती को उठा लिया। तेंदुए के जबड़े में फंसी बच्ची ने जब रोना शुरू किया तो 50 वर्षीय दादी बसंती बाई गुर्जर की नींद खुल गई। तेंदुए के जबड़े में अपनी जान के टुकड़े को फंसा हुआ देखकर उनकी सांसें अटक गई और उनके मुंह से चीख निकल गई। पत्नी की चीख को सुनकर महिला के पति भी जाग गये और उसने जब अपनी पोती को तेंदुए के चंगुल में फंसे देखा तो वह अपनी जान की परवाह किये बगैर तेंदुए के साथ भिड़ गया। इसी दौरान साहस दिखाते हुए दादी भी तेंदुए के साथ भिड़ गई। काफी देर तक बुजुर्ग दंपत्ति और तेंदुए के बीच शह और मात की लड़ाई चली। आखिर में बुजुर्ग दंपत्ति को अपने ऊपर भारी पड़ा हुआ देखकर तेंदुए ने वहां से अपनी जान बचाकर ही भागना मुनासिब समझा। इसी बीच आसपास के लोगों में भी जाग हो गई और वह बुजुर्ग दंपत्ति की सहायता के लिए मौके पर पहुंच गए। एक साथ भारी संख्या में ग्रामीणों को आया देखकर तेंदुए का साहस जवाब दे गया और वह मुंह में दबाई बच्ची को छोड़कर जंगल में घुसकर नौ दो ग्यारह हो गया। तेंदुए के जबड़े में फंसकर घायल हुई बालिका को इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने उसका उपचार कर उसे सामान्य अवस्था में लौटाया। तेंदुए से भिड़ने वाले दंपत्ति की चारों तरफ चर्चाएं हो रही हैं और लोग उनके साहस की प्रशंसा कर रहे है।

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