रसोई गैस के बढ़ते दामों से उज्जवला योजना के लाभार्थी फूंक रहे है चूल्हा

देश में रोजाना बढ़ रहे डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दामों ने लोगों को बुरी तरह से परेशान करके रख दिया है।

Update: 2021-03-06 12:49 GMT

नई दिल्ली। देश में रोजाना बढ़ रहे डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दामों ने लोगों को बुरी तरह से परेशान करके रख दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक मंचों पर अपनी महत्वाकांक्षी उज्जवला योजना का जिक्र करते हुए महिलाओं को धुंए और चूल्हे से निजात दिलाने की बात करते दिखाई देते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक एलपीजी के बढ़ते दामों ने आम लोगों के साथ-साथ उज्जवला योजना के लाभार्थियों को दोबारा से चूल्हा फूंकने को मजबूर कर दिया है।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना उज्जवला के तहत सरकार द्वारा देशभर में महिलाओं को चूल्हे से निजात दिलाने के लिए गैस सिलेंडर वितरित किए गए थे। गरीब परिवारों को सरकार ने मुफ्त में सिलेंडर तो दे दिए। लेकिन रसोई गैस के रोजाना बढ़ते दामों ने गरीबों को पूरी तरह से परेशान करके रख दिया है। पिछले 10 महीने के भीतर रसोई के दामों में 250 रूपये की बढ़ोतरी हो जाने से घबराए उज्जवला योजना के लाभार्थी अब सरकार से मिले गैस सिलेंडर भरवाने की हिम्मत जुटा नहीं पा रहे हैं। राजस्थान में उज्जवला योजना के 30 से 35 प्रतिशत लाभार्थी अचानक से दाम बढ़ने के बाद गैस सिलेंडर भरवाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए हैं।

लाभार्थियों का कहना है कि पूरे परिवार की इतनी कमाई नहीं है कि मेहनत मजदूरी कर जुटाये पैसों से इतने महंगे दामों पर गैस सिलेंडर भरवाकर उस पर खाना बनाये। गरीबों का कहना है कि जितने रुपयों का सिलेंडर भरवाकर लाएंगे, उतने में तो परिवार के महीने भर के राशन का गुजारा चल जायेगा। रोजाना राशन पानी के दाम बढ़ रहे हैं इसलिए अब सिलेंडर भगवाना मुश्किल हो रहा है। लोगों का कहना है कि उज्जवला योजना के तहत मुफ्त घरेलू गैस सिलेंडर तो सरकार ने बांट दिये और कोरोना काल में 3 सिलेंडर की रिफलिंग भी सरकार की ओर से की गई। लेकिन अप्रैल माह में गैस सब्सिडी बंद हो जाने और दिसंबर के बाद कीमतों में अचानक हुई वृद्धि ने लोगों को एलपीजी से जलने वाले चूल्हे के स्थान पर लकड़ी और गोबर कंडो की सहायता से खाना बनाने को मजबूर कर दिया है।

ताजा रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 30 से 35 फीसदी उज्जवला योजना के उपभोक्ता ही लगातार गैस सिलेंडर भरवा रहे हैं। यानी 63.64 लाख लाभार्थियों में से 21 लाख 60 हजार लोग ही गैस सिलेंडर भरवा रहे हैं। दिसंबर से लेकर अब तक सिलेंडर के दाम 800 रूपये से ऊपर तक पहुंच गए हैं। उधर सरकार ने पिछले 9 महीनों से गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सिलेंडर सब्सिडी भी बंद कर रखी है। यदि सरकार की ओर से सब्सिडी दी जा रही होती तो उज्जवला योजना के उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिल जाती।

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