गर्भवती हथिनी को खिलाया पटाखों से भरा अनानास, किया मानवता को शर्मसार

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51(A) के मुताबिक, हर जीवित प्राणी के प्रति सहानुभूति रखना भारत के हर नागरिक का मूल कर्तव्य है।

Update: 2020-06-03 12:19 GMT

मलप्पुरम l हथिनी ने हर किसी पर भरोसा किया जब, और वह अनानास खा लिया, विस्फोट जब हुआ वह खुद के बारे में सोच भी नहीं पाने के लिए हैरान हो गयी होगी, लेकिन बच्चे के बारे में वह 18 में को जन्म देने के लिए जा रही थी। वह हथिनी इतनी बुरी तरह जख्मी हो गई थी कि कुछ खा भी नहीं पा रही थी

केरल के मलप्पुरम में पशुओं के साथ बुरे व्यवहार का एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। दरअसल, केरल में शनिवार को एक गर्भवती हथिनी की मौत हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक कुछ स्थानीय लोगों ने उसे पटाखों से भरा अनानास खिला दिया था। वह अनानास मादा हाथी के मुंह में फट गया जिससे वह बुरी तरह से जख्मी हो गई। वह हथिनी पटाखों के फटने से बुरी तरह जख्मी हो गई थी जिसके कारण वह है नदी में मुंह डालकर लंबे समय तक खड़ी रही। इससे एहसास होता है कि वह अंतहीन दर्द में थी। यह सबूत है कि साक्षर होना गारंटी नहीं करता की सामान्य ज्ञान है।

घटना उत्तरी केरल के मलप्पुरम जिले का है। घटना की जानकारी एक वन अधिकारी ने अपने फेसबुक पेज पर दी। वन अधिकारी मोहन कृष्णन्न ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर बताया कि यह मादा हाथी खाने की तलाश में भटकते हुए जंगल से पास के गांव में आ गई थी। वह गलियों में घूम रही थी। इसके बाद कुछ लोगों ने उसे अनानास खिला दिया जिसमें पटाखे भरे थे।

पटाखा हथिनी के मुंह में फट गया और वह बुरी तरह जख्मी हो गई। इसके बावजूद भी उसने गांव में किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। फॉरेस्ट ऑफिसर ने आगे लिखा, वह इतनी बुरी तरह जख्मी हो गई थी कि कुछ खा भी नहीं पा रही थी। खाने की तलाश में वह वेल्लियार नदी तक पहुंची और नदी में मुंह डालकर खड़ी हो गई। वह बेहद सीधी थी। शायद पानी में मुंह डालने से उसे आराम मिला हो। यह पूरा मामला बीते बुधवार का बताया जा रहा है।

जख्मी हथिनी की सूचना मिलने पर वन्य विभाग के कर्मचारी उसे रेस्क्यू करने पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद उसे पानी से निकाल लिया गया लेकिन शनिवार को हथिनी की मौत हो गई।

आपको बता दें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51(A) के मुताबिक, हर जीवित प्राणी के प्रति सहानुभूति रखना भारत के हर नागरिक का मूल कर्तव्य है। बीमार और गर्भ धारण कर चुके पशुओं को मारा नहीं जाएगा। प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी ऑन एनिमल्स एक्ट और फूड सेफ्टी रेगुलेशन में इस बात पर स्पष्ट नियम हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के मुताबिक किसी पशु को मारना या अपंग करना, भले ही वह आवारा क्यों न हो, दंडनीय अपराध है।

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