15 लाख बिजलीकर्मी 1 जून को मनाएंगे काला दिवस

इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट ) बिल 2020 और निजीकरण के विरोध में देश के 15 लाख बिजलीकर्मी 01 जून को काला दिवस मनाएंगे।

Update: 2020-05-30 14:26 GMT

मुज़फ्फरनगर। इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट ) बिल 2020 और निजीकरण के विरोध में देश के 15 लाख बिजली कर्मियों के साथ उप्र के बिजली कर्मचारी 01 जून को काला दिवस मनाएंगे। 

बिजली के निजीकरण के लिए लाए गए इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के विरोध में देशभर के 15 लाख बिजली कर्मियों के साथ उत्तर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता 01 जून को काला दिवस मनाएंगे। बिजली  कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश की  मुज़फ्फरनगर शाखा की आज यहाँ  हुई सभा में  कोविड-19 महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा  बिजली का निजीकरण करने हेतु इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 का मसौदा जारी करने का पुरजोर विरोध किया गया ।  

संघर्ष समिति के  निर्णय के अनुसार  देश के 15 लाख  बिजली कर्मियों के साथ उत्तर प्रदेश के भी तमाम बिजली कर्मी आगामी 01 जून को काला दिवस मनाएंगे, जिसके अंतर्गत मुज़फ्फरनगर जनपद के बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और इंजीनियर अपने कार्य पर रहते हुए पूरे दिन दाहिने बाजू पर काली पट्टी बांधकर निजीकरण हेतु लाए गए बिल का पुरजोर विरोध करेंगे और दोपहर 3:00 बजे से सायं 5:00 बजे के बीच  सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए विरोध प्रदर्शन करेंगे। आज यहाँ हुई सभा में 01 जून को काला दिवस मनाने की तैयारियों पर विचार विमर्श किया गया | 

बैठक में संघर्ष के कार्यक्रमों के क्रम में यह भी निर्णय लिया गया कि  इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट ) बिल 2020 और निजीकरण से उपभोक्ताओं खासकर किसानों और 300 यूनिट तक बिजली का उपभोग करने वाले गरीब उपभोक्ताओं को बिल के प्रतिगामी परिणामों से अवगत कराने हेतु व्यापक अभियान चलाया जाएगा | संघर्ष समिति ने बताया कि  इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट ) बिल 2020 के पारित हो जाने के बाद किसानों और गरीब उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में मिल रही सब्सिडी समाप्त हो जाएगी | बिल के प्राविधानों के अनुसार किसी भी उपभोक्ता को लागत से कम मूल्य पर बिजली नहीं दी जाएगी | वर्तमान में बिजली की लागत रु 06.78  प्रति यूनिट है और निजीकरण के बाद कंपनी एक्ट के अनुसार निजी कंपनी को न्यूनतम 16 % मुनाफा भी दिया जाए तो  रु 08 प्रति यूनिट से कम में बिजली किसी को भी नहीं मिलेगी | इस प्रकार किसानों को लगभग 6000 रु प्रति माह और घरेलू उपभोक्ताओं को 8000 से 10000 रु प्रति माह तक बिजली का बिल देना होगा | इस प्रकार इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट ) बिल 2020 और निजीकरण जनविरोधी और कर्मचारी विरोधी प्रतिगामी कदम है जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा | 

 संघर्ष समिति की बैठक में इं० प्रणव चौधरी(संयोजक), इ० आज़ाद धीरेंद्र (सह संयोजक), अभिनव गोयल,आशीष शर्मा, यू सी वर्मा, बी बी गुप्ता, राम निवास त्यागी, दिनेश गौतम, इ० सचिन शर्मा जी व ई० संजय यादव जी मुख्यतः मौजूद रहे।


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