सच्ची मानवता का फर्ज निभाते स्वास्थ्यकर्मी

विश्व मानवीय दिवस विश्व में मानवीय कार्यों को प्रेरित करने वाली भावना का जश्न मनाने का भी एक अवसर है।

Update: 2020-08-19 05:49 GMT

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में 19 अगस्त को विश्व मानवीय दिवस मनाया जाता है। यह दिन मानवीय कर्मियों और मानवीय कारणों की वजह से अपनी जान गंवा चुके लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया गया। विश्व मानवीय दिवस विश्व में मानवीय कार्यों को प्रेरित करने वाली भावना का जश्न मनाने का भी एक अवसर है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2003 में इराक के बगदाद में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर हुए बम विस्फोट की वर्षगांठ पर मनाना तय किया था। इस बम विस्फोट में 22 लोगों की जान चली गई। इसमें संयुक्त राष्ट्र के दूत सर्गियो विएरा डी मेल्लो भी थे। इसका उद्देश्य उन लोगों की पहचान करना है जो दूसरों की मदद करने में विपरीत परिस्थितियों को सामना कर रहे हैं एवं मानवता की रक्षा के लिये प्रतिबद्ध है। यह दिन दुनिया भर में मानवीय जरूरतों पर ध्यान आकर्षित करने की मांग करता है और इन जरूरतों को पूरा करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व की आवश्यकता को व्यक्त करता है।

हर साल, आपदाओं एवं मानव-भूलों से लाखों लोगों विशेषतः दुनिया के सबसे गरीब हाशिए पर आ जाते हैं जिसकी वजह से कमजोर व्यक्तियों को अपार दुःख का सामना करना पड़ता है। मानवतावादी सहायताकर्मी इन आपदा प्रभावित समुदायों एवं लोगों को राष्ट्रीयता, सामाजिक समूह, धर्म, लिंग, जाति या किसी अन्य कारक के आधार पर भेदभाव के बिना जीवन बचाने में सहायता और दीर्घकालिक पुनर्वास प्रदान करने का प्रयास करते हैं। आज मानवता दिवस के इस अवसर पर ऐसे लोगों की बात करेंगे जो अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना लोगों की जान बचा रहे हैं।

इस समय जब पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है तो एक तबका ऐसा है जो आगे आकर लोगों की रक्षा कर रहा है वो हैं हमारे स्वास्थकर्मी। लोगों की जिंदगी को बचाने के लिए पहली पंक्ति में खड़े स्वास्थ्यकर्मी अपनी जिंदगी को दांव पर लगा लोगों की जिंदगियां बचा रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस कोरोना काल में डाॅक्टरों से बढ़ कर मानवता से रक्षक कौन होंगे जो अपनी जान की परवाह किए बगैर सच्ची मानवता का फर्ज निभा रहे हैं। कोरोना काल में मानवीय दिवस की उपयोगिता बढ़ जाती है कि कैसे लोग इस मुश्किल घड़ी में एक-दूसरे के साथ मजबूती से खड़े हैं। ये सभी संस्कृतियों, विचारधाराओं और पृष्ठभूमि को प्रतिबिंबित करते हुए और मानवतावाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से एकजुट हो जाते हैं। इस तरह की मानवतावादी सहायता मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता और स्वतंत्रता सहित कई संस्थापक सिद्धांतों पर आधारित है। मार्टिन लूथर किंग ने इसकी उपयोगिता को उजागर करते हुए कहा कि यह प्यार और स्नेह है, जो हमारी दुनिया और हमारी सभ्यता को बचाएगा और यही प्यार है ही जो इस महामरी में लोगों को हौसला दे रहा है। धरती के भगवान कहे जाने वाले ये डाॅक्टी अपनी जान की परवाह किए बगैर सच्ची मानवता का फर्ज निभाया रहे हैं।

हर आपदा जीवन बचाने के लिए लोगों को एकजुट करके संगठित करने का काम करती है, कोरोना काल ने भी वही कमाल किया है। कभी पड़ोसियों से बात तक न करने वाले लोग आज आसपास में घर की बालकनी में खड़े होकर रिश्तों की मिठास बढ़ाई कोरोना काल ने सच पूछो तो अंधाधुंध भागती दुनिया को एकाएक रोककर आराम से यह सोचने का मौका दिया है कि भविष्य में इंसान व इंसानियत के लिए क्या जरूरी है और क्या जरूरी नहीं है। आज एक वायरस ने दुनिया को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि पैसा कमाने की कभी खत्म नहीं होने वाली दौड़ और विनाश की तर्ज पर अंधाधुंध विकास की अंधी दौड़ होना दुनिया के हित में ठीक नहीं है। आपदा के वक्त में लोगों में इंसानियत बढ़ी है। कोरोना के कारण तीन माह लॉकडाउन उसके बाद अनलाॅक होती जिंदगी ने लोगों को सबसे बड़ा सबक दिया कि अगर व्यक्ति में संतोष का भाव है तो वो बेहद सीमित संसाधनों में परिवार के साथ रह कर आपसी भाईचारे व प्यार मोहब्बत से खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकता है। कोरोना ने हम लोगों को सिखा दिया है कि 'जान है तब ही जहान है' बाकी सब मिथ्या है।

हमारे देश में डॉक्टरों को भगवान माना जाता है। यहां तो आप आए दिन लोगों को यह कहते सुन लेगें कि डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं। यह कुछ हद तक सच भी है क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के दौरान हमारे डॉक्टरों ने जो काम किया है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। देश इस वक्त कोरोना के कहर और खौफ से जूझ रहा है। कोरोना वायरस आज मानव जाति पर कहर बनकर टूट रहा है। कोरोना वायरस ने दुनिया के शक्तिशाली देशों को तबाह कर दिया है। डॉक्टर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों का न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी देते हैं। इसलिए उन्हें धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है, उन्हें जीवनदाता कहा जाता है। हमारी सफलता के नायक हैं डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी व प्रशासनिक अधिकारी। इन्होंने अपनी ड्यूटी मानवता की सेवा की तरह की है। कार्य के दौरान अपने स्वास्थ्य की भी परवाह नहीं की कि इसका उनके स्वयं पर और परिवार पर क्या असर होगा। अपने कर्तव्य निभाने के दौरान अस्पताल के डॉक्टर, नर्स व अन्य स्वास्थ्यकर्मी खुद भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। साथ ही स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारी, पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को हिंसा का भी सामना करना पड़ रहा है।दुनिया भर के रिचर्स सेंटर, वैज्ञानिक, मेडिकल टीम, डॉक्टरों की टीम कोरोना की वैक्सिन की खोज में लगे हुए हैं।

इतिहास गवाह है कि किसी भी जंग को जीतने के लिए वीरों की आवश्यकता होती है। ऐसे कई रणबांकुरों के कहानी किस्से हम पढ़ते हैं जिन्होंने विपरीत हालातों से हार नहीं मानी परिस्थितियों का डटकर सामना करते हुए जीत का परचम भी लहराया। अभी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से हर कोई भयभीत है न दिखने वाला यह वायरस लोगों के जी का जंजाल बन गया है। खतरा बढ़ गया है ऐसे में कुछ हमारे कर्मवीर है जो इस अदृश्य वायरस को परास्त करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहे है जनता सुरक्षित रहे, इसके लिए इन कर्मवीरों ने अपने परिवार से दूरी बना ली। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे डॉक्टर्स और फ्रंटलाइनर्स का जो रात दिन इस कहर से लोगों की जिंदगी बचाने में जुटे हुए हैं। उन्हें ये भी मालूम है कि इस जंग को लड़ते हुए उन्हें भी कुछ हो सकता है और हो भी चुका है।लेकिन उसके बाद भी इन जंगी सिपाहियों ने हार नहीं मानी और बिना किसी स्वार्थ के अपने कर्म को अंजाम दे रहे हैं। हर वक्त भय व तनाव के माहौल मैं काम करते हुए भी धरती के भगवान का मनोबल वास्तव मे काबिले तारीफ है... जनसेवा के इनके जज्बे को दिल से सलाम। कोरोना वायरस से लड़कर आम आदमी का जीवन बचाने में आप लोग दिन के चैबीस घंटे कार्य कर रहे हैं। हम सभी को आप सभी पर गर्व है। कोरोना से लड़ने का जज्बा और साहस में आप सच्चे सिपाही और वीर योद्धा हैं। आपका अतुलनीय योगदान देश सेवा को समर्पित है। देश आपके समर्पण को याद रखेगा। इनके जज्बे, हिम्मत को नमन है। वाकई इनके उत्साह, ऊर्जा, देश के लिए कुछ भी करने की क्षमता और हिम्मत को नमन और इस महामारी के जंग में कोरोना के वीर योद्धाओं को आभार और दिल से धन्यवाद।

(नाजनींन-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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