एनईआर में सहायक लोको पायलट भर्ती में बड़ी चूक
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की ओर से समायोजित करने के लिए भेजे गए पत्र को संज्ञान में लेते हुए रेलवे बोर्ड ने दो जून को सभी रेलवे जोन के आरआरबी को पत्र लिखा है
गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे में सहायक लोको पायलट की भर्ती में बड़ी चूक सामने आई है। कुल पद 865 थे, जबकि भर्ती 1681 पदों पर कर ली गई। इन अभ्यर्थियों का रिजल्ट घोषित होने के बाद मेडिकल जांच भी हो गई। नियुक्ति पत्र जारी करते समय मामला पकड़ में आया।
हालांकि, यह चूक बेरोजगारों के हित में है, क्योंकि भर्ती रद नहीं होगी। रेलवे बोर्ड से शेष उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को दूसरे जोन में समायोजित कराने की प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। ऐसे में 816 और नौजवानों को रोजगार मिल जाएगा। उधर, रेल प्रशासन ने मामले की जांच भी शुरू करा दी है।
वर्ष 2018 में रेलवे भर्ती बोर्ड, गोरखपुर की ओर से पूर्वोत्तर रेलवे के लिए 1681 सहायक लोको पायलट की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली गई। तीन स्तर पर परीक्षा हुई। मेडिकल और दस्तावेजों की जांच करने के बाद चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी गई। बाद में पता चला कि जितनी लिस्ट जारी हुई है, उतने पद ही नहीं है। इस मामले में कार्मिक विभाग और संबंधित मंडलों के कर्मियों की चूक सामने आई है।
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की ओर से समायोजित करने के लिए भेजे गए पत्र को संज्ञान में लेते हुए रेलवे बोर्ड ने दो जून को सभी रेलवे जोन के आरआरबी को पत्र लिखा है कि वे अपने यहां सहायक लोको पायलट की वैकेंसी (आरक्षण के अनुसार) पूर्वोत्तर रेलवे को उपलब्ध कराएं, ताकि ज्यादा चयनित हो गए अभ्यर्थियों का समायोजन हो सके।
30 अगस्त 2019 को 1377 सफल अभ्यर्थियों को पहला पैनल जारी किया गया। 16 सितंबर 2019 को इनमें से 1099 अभ्यर्थियों को डिविजन अलॉट कर दिया गया। पैनल के बाकी 278 अभ्यर्थियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि कम नंबर वालों का नाम सूची में है और उनका गायब है।
इसके बाद 30 सितंबर 2019 को इन 278 अभ्यर्थियों को भी डिवीजन आवंटित किया गया, लेकिन इन्हें ज्वाइनिंग नहीं मिली। इसके बाद 202 का दूसरा पैनल जारी हुआ। इसके बाद विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया। मामले की छानबीन में पता चला कि गोरखपुर आरआरबी के पास सिर्फ 865 वैकेंसी ही है।
एनईआर सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि मामले की विभागीय जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। अभ्यर्थियों को समायोजित करने का प्रयास किया जा रहा है। दूसरे जोन से जैसे-जैसे नियुक्ति के लिए पैनल आएगा, समायोजन किया जाएगा।
(हिफी न्यूज)