धान खरीद पर योगी की निगाह

उत्तर प्रदेश में जैसा हमने देखा है तो गर्मी में गेहूं बेचकर किसान अपनी बिटिया की शादी करते हैं

Update: 2022-11-01 04:06 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जैसा हमने देखा है तो गर्मी में गेहूं बेचकर किसान अपनी बिटिया की शादी करते हैं तो सर्दियों में धान बेचकर रजाई-गद्दे बनवाते हैं। किसानों के लिए उनकी फसल ही उनका जीवन है। इसलिए उपज का उचित मूल्य मिलना चाहिए। सरकार ने प्रमुख फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की अच्छी परम्परा कायम की है। इसके तहत उपज की सरकारी खरीद होती है। यह खरीद विभिन्न स्थानों पर स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से करायी जाती है, इसलिए किसानों का गेहूं और धान सरकारी क्रय केन्द्र पर नहीं खरीदा जाता। इसलिए मजबूरन उन्हें गांव के बनिये-व्यापारी के हाथों कम दामों पर बेचना पड़ता है। इस समय धान की फसल काटी जा रही है। कुछ दिन पहले ही बेमौसम की बारिश ने सबसे ज्यादा नुकसान धान की फसल को पहुंचाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं बाढ़ प्रभावितों का दर्द महसूस किया है। उन्होंने मूल्य समर्थन योजना के तहत धान का समर्थन मूल्य 2040 रुपये प्रति कुंतल और सबसे उत्तम श्रेणी के धान को 2060 रुपये प्रति कुंतल खरीदने की घोषणा की है। पहली अक्टूबर से प्रदेश में धान की सरकारी खरीद प्रारम्भ हो चुकी है इसलिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि बेमौसम बारिश और तेज हवा के चलते धान की उपज का नुकसान उठा चुका किसान अपनी बची-खुची उपज की सही कीमत बिना किसी परेशानी के प्राप्त कर सके। अगर उसको सही कीमत नहीं मिल पाएगी तो उसको हेवंत (जाड़ा) बिना रजाई के ही काटना पड़ेगा। धान खरीद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं निगाह रखे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मूल्य समर्थन योजना के तहत धान खरीद को पूरी तत्परता से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। धान खरीद में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ धान खरीद किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री गत 30 अक्ूटूबर को अपने सरकारी आवास पर धान खरीद की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्रों पर किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए। किसानों के हितों की अनदेखी करने वालों की जवाबदेही तय करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि धान क्रय केन्द्र समय से संचालित हों। किसानों को समय से उनकी उपज का भुगतान किया जाए। प्रदेश में ई-पॉप डिवाइस के माध्यम से आधार प्रमाणीकरण द्वारा किसानों से धान की खरीद सुनिश्चित की जाए। धान के मूल्य का भुगतान किसानों के आधार लिंक्ड बैंक खाते में पीएफएमएस से खाते सत्यापित कराते हुए कराया जाए। धान खरीद की सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन है। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में कॉमन श्रेणी के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2040 रुपये प्रति कुन्तल तथा ग्रेड-ए श्रेणी के धान का समर्थन मूल्य 2060 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित है।

देशभर में खरीफ फसलों की कटाई जारी है। कई किसानों ने अब अपनी उपज के साथ मंडियों की तरफ रुख करना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार ने भी खरीफ फसलों के लिये काफी पहले ही एमएसपी जारी कर दी थी, जिसके तहत अब राज्य सरकारों ने एमएसपी पर फसलों की खरीद शुरू कर दी। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को एमएसपी पर फसल बेचने के लिये आमंत्रित किया । है। बता दें कि धान खरीद वर्ष 2022-23 के तहत उत्तर प्रदेश में भी 1 अक्टूबर से एमएसपी पर धान की खरीद की जा रही है। उत्तर प्रदेश की मंडियों में एमएसपी पर धान की खरीद के लिये पंजीकरण की प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया गया है। इतना ही नहीं, पंजीकरण के लिये राज्य सरकार ने मोबाइल एप और टोल फ्री नंबर भी जारी किया है। खरीफ विपणन सत्र 2022 के तहत कम्प्यूटरीकृत प्रणाली की मदद से धान की बिक्री करने के लिये किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा। यहां किसानों को कृषक पंजीकरण, आधार नम्बर और मोबाइल नम्बर पर प्राप्त ओटीपी को भरने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ाई जायेगी। रजिस्टर्ड किसान को भुगतान भी ऑनलाइन माध्यम से सीधा बैंक खाते में ही किया जायेगा। इसके लिये बैंक खाता और आधार कार्ड लिंक होना चाहिये। यूपी में एमएसपी पर धान की बिक्री के लिये किसान मित्र मोबाइल ऐप को डाउनलोड करके भी पंजीकरण करवा सकते हैं। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिये राज्य सरकार ने टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 भी जारी किया है।

भारत सरकार द्वारा हर साल खरीफ फसलों की एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी फसलों के वाजिब दाम दिलवाना और उनके हितों की रक्षा करना है। फिलहाल खरीफ विपणन सीजन 2022-23 के लिये धान की खरीद शुरू की जा चुकी है। धान के उत्पादन में उत्तर प्रदेश एक बार फिर रेकॉर्ड बना सकता है। वर्ष 2020 में यूपी में 159 लाख टन धान पैदा हुआ था, जबकि 2021 उत्पादन 169 लाख टन के पार पहुंच गया। इसके साथ खरीफ की फसलों में भी किसानों ने मोटे अनाज के उत्पादन में अच्छी बढोतरी दर्ज की। हालांकि, दलहन उत्पादन में यूपी के किसान पीछे रह गए, जबकि दलहन का रकबा भी कम रहा। खरीफ वर्ष 2019-20 में यूपी के किसानों ने पिछले साल से 10 लाख टन धान अधिक पैदा किया। मोटे अनाज (ज्वार, बाजरा और मक्का) का भी उत्पादन पांच लाख टन बढ़ा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने किसानों के लिए अच्छी योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसान घर बैठे अपने धान को बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसान आसानी से अपने धान को बेच सके। सरकार भी अच्छे दामों पर किसानों से धान की खरीद कर रही है जिससे उन्हें बहुत लाभ हो रहा है। इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। ऑनलाइन पंजीकरण के बाद कोई भी किसान घर बैठे ऑनलाइन धान बेच सकता है।पहले किसानों को खेत में मेहनत करके अपने अनाज के सही मूल्य के लिए दूर दूर मंडियों में घूमना पड़ता था जिससे उनका काफी खर्चा होता था और समय भी खराब होता था। मंडियों में जाकर भी सही दाम न मिले तो घाटे का सौदा हो जाता था। (हिफी)

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