व्यापारियों को पीओएस मशीनों के संचालन हेतु चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अपने कार्यालय कक्ष में उर्वरक निर्माता कंपनियों तथा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा की
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में उर्वरक निर्माता कंपनियों तथा विभाग के अधिकारियों के साथ उर्वरक की आपूर्ति एवं उपलब्धता की समीक्षा की। मंत्री सूर्य प्रताप शाही को बताया गया कि प्रदेश में उर्वरक की कहीं कोई कमी नहीं है। उन्हें अवगत कराया गया कि दिसम्बर, 2020 तक यूरिया की आवश्यक मात्रा 23 लाख मी0टन के सापेक्ष 12.60 लाख मी0टन यूरिया उपलब्ध है। साथ ही डीएपी की आवश्यक मात्रा 16 मी0टन के सापेक्ष 14.15 लाख मी0टन डीएपी उपलब्ध है।
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में उर्वरक विक्रेताओं द्वारा यूरिया व डीएपी का अधिक मूल्य लिये जाने से सम्बन्धित शिकायतों पर निर्देश दिये कि सभी उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों के बाहर उर्वरक का विक्रय मूल्य अंकित कराया जाये, जिससे किसानों का उर्वरक के सही मूल्य की जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने सभी उर्वरक निर्माता कंपनियों से प्राइमरी पाठशाला में एल0ई0डी0, इन्वर्टर, कम्प्यूटर, बंेच व कुर्सी, लाईट व पंखा स्थापित करने तथा पेंटिंग कार्य के प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने यह कार्य आगामी 30 नवम्बर तक प्रत्येक दशा में पूर्ण किये जाने की निर्देश दिये।
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इस अवसर पर प्रदेश में पीओएस एवं बायोमेट्रिक मशीनों की उपलब्धता की भी समीक्षा की। उन्होंने सभी कम्पनियों को निर्देशित करते हुये कहा कि नवम्बर माह के अंत तक पीओएस एवं बायोमेट्रिक मशीनों की जनपदवार आपूर्ति सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सभी जिला कृषि अधिकारियों को निर्देशित कर दिया जाए कि वे जनपद स्तर पर उर्वरक व्यापारियों को पीओएस मशीनों के संचालन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाए। कृषि मंत्री को अवगत कराया गया कि जिन जनपदों में नेटवर्क की समस्या के कारण पीओएस मशीन का संचालन नहीं हो पा रहा था, का समाधान मोबाइल के साथ बायोमेट्रिक मशीन को जोड़कर निकाल लिया गया है।
समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि, डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी, कृषि निदेशक,ए0पी0 श्रीवास्तव तथा कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।