एक्शन में योगी-PPS अफसरों से मांगा संपत्ति का ब्यौरा

चुनाव में एक बार फिर से अपनी सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब पूरी तरह से एक्शन में नजर आ रहे

Update: 2022-06-09 10:18 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18 वी विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव में एक बार फिर से अपनी सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब पूरी तरह से एक्शन में नजर आ रहे हैं। जीरो टॉलरेंस की नीति को अमलीजामा पहनाने के लिए मुख्यमंत्री ने पीसीएस अफसरों से उनकी हर साल की चल अचल संपत्ति का ब्यौरा मांग लिया है। इसके लिए स्पैरो यूपी पोर्टल तैयार किया गया है जिस पर पीसीएस अफसरों को अपनी चल अचल संपत्ति की जानकारी देनी होगी।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ पार्ट-2 सरकार अब पूरी तरह से सख्त नजर आ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए अब पूरी तरह से कमर कस ली है। सीएम की जीरो टालरेंस नीति के अंतर्गत पीसीएस अफसरों को अब हर वर्ष अपनी चल-अचल संपत्ति का ऑनलाइन ब्योरा देना पड़ेगा। इसके लिए विधिवत रूप से स्पैरो-यूपी पोर्टल तैयार किया गया है। सभी पीसीएस अधिकारियों को इसके लिये लॉग-इन व पासवर्ड भी दिया जा चुका है। इन अफसरों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि भी अब ऑनलाइन दी जाएगी। इससे पहले योगी सरकार ने मंत्रियों और आईएएस अफसरों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए निर्देश दिया था।

गौरतलब है कि आईएएस अधिकारियों के लिए अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना पहले से अनिवार्य है। भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के तहत ये व्यवस्था पहले से ही लागू है। अधिकारियों को स्पैरो सॉफ्टवेयर से अपनी संपत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन देना होता है। आईएएस अधिकारियों के लिए लागू व्यवस्था की तर्ज पर ही योगी सरकार ने पीसीएस अफसरों के लिए भी अब यह व्यवस्था लागू की है।

यूपी में हर पीसीएस अधिकारी को हर वर्ष 1 से 21 जनवरी के बीच अपनी संपत्ति का हिसाब देना होगा। संपत्ति का हिसाब न देने वाले पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। हर अधिकारी को हर वर्ष अप्रैल में पिछले वित्त वर्ष के लिए अपना सेल्फ एप्रेजल भी ऑनलाइन देना होगा। ब्यौरा नही देने वाले अफसरों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। ऐसे लोगों की वार्षिक प्रविष्टि रोकी जा सकती है। इससे इंक्रीमेंट और पदोन्नति पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

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