BJP ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर साधा निशाना
शर्मा ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता दोहराई।;
श्रीनगर, जम्मू कश्मीर में नेता प्रतिपक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुनील शर्मा ने शनिवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के करीब 10 हजार कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर सवाल उठाते हुए सत्तारूढ़ दल पर तीखा हमला किया।
श्री शर्मा ने पूछा कि क्या नेकां नेतृत्व हत्याओं में सहभागी था, अपराधियों के साथ मिला हुआ था, या हत्याओं को रोकने में बहुत लापरवाह और अप्रभावी था। उन्होंने कहा, “नेकां विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह बहुत बड़ी बात कह रही है कि उसके करीब 10 हजार कार्यकर्ता मारे गए। उनकी हत्या तब हुई जब उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे थे।”
नेता प्रतिपक्ष ने श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जब से केंद्र सरकार ने कानून व्यवस्था का प्रभार संभाला है, तब से नेशनल कॉन्फ्रेंस का एक भी कार्यकर्ता यहां नहीं मारा गया। तो, यह क्या दर्शाता है?
उन्होंने कहा, “उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला को जवाब देना चाहिए कि क्या वे इन हत्याओं में शामिल थे या हत्यारों के साथ मिले हुए थे या स्थिति को संभालने में बहुत ढीले थे।” विपक्ष के नेता ने कहा कि नेकां के कार्यकर्ता वर्तमान में सुरक्षित हैं क्योंकि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर है।
इस अवसर पर श्री शर्मा के साथ मौजूद पार्टी सहयोगी आर.एस. पठानिया ने भी नेकां पर तीखा हमला किया और उस पर जनता के विश्वास को तोड़ने और अपने पिछले कार्यकाल के दौरान सुरक्षा स्थिति को ठीक से न संभालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेकां ने विपक्षी सांसदों द्वारा उठाए गए तीखे सवालों का जवाब देने से बचने के लिए वक्फ संशोधन विधेयक के बहाने जानबूझकर विधानसभा की कार्यवाही को बाधित किया।
श्री शर्मा ने कहा, “जम्मू-कश्मीर विधानसभा के इतिहास में पहली बार, सरकार ने खुद लगातार तीन दिनों तक सदन को बाधित किया। अध्यक्ष आपके हैं और सरकार भी आपकी है तथा आप विधानसभा को चलने नहीं देते। यह नाटक था और वक्फ विधेयक के बहाने उन्होंने विधानसभा को काम नहीं करने दिया”
उन्होंने आरोप लगाया कि इस कदम का उद्देश्य सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा को रोकना था, क्योंकि सदस्यों द्वारा रिकॉर्ड संख्या में विधेयक, प्रस्ताव और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किए गए थे। उन्होंने कहा, “सरकार भाग गई क्योंकि वह जवाब नहीं देना चाहती थी। उसने जानबूझकर बहस से परहेज किया।” शर्मा ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता दोहराई।