धान के बदले दूसरी खरीफ फसलों की खेती पर -किसानों को मिलेगी सब्सिडी

धान के बदले अन्य चिन्हित खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी दिए जाने का निर्णय लिया है।;

Update: 2021-05-20 09:04 GMT

रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार ने आगामी खरीफ सीजन से धान के बदले अन्य चिन्हित खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कल यहां आयोजित मंत्री परिषद उपसमिति के सदस्यों की बैठक में यह निर्णय लिया गया।बैठक में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत उपस्थित थे।सरकार को विश्वास हैं कि इस निर्णय से राज्य में धान के अलावा अन्य फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा।

आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 9 हजार रूपए के स्थान पर 10 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वालों को तीन वर्षों तक अनुदान मिलेगा।

बैठक में कृषि विभाग के पंजीयन पोर्टल में धान के साथ साथ अन्य फसलों के पंजीयन के लिए इस पोर्टल को अपग्रेड करने, खरीफ फसलों की गिरदावरी के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गई और संबंधित विभाग के अधिकारियों को इसका एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए। बैठक में गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के साथ साथ अब अतिशेष गोबर से आर्गेनिक मेन्योर खाद के उत्पादन एवं इसके विक्रय को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई।श्री बघेल ने अतिशेष गोबर से तैयार होने वाली आर्गेनिक मैन्योर खाद को सुपर कम्पोस्ट नाम दिया और इसकी मार्केटिंग की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

वार्ता

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