बोले धारीवाल- सरकार की मंशा नया बनाने से ज्यादा पुराने एयरपोर्ट की....

जमीन आवंटित कर दी तो केंद्र की सरकार ने उसमें रोडे अटकाकर परियोजना को पूरा नहीं होने दिया।

Update: 2024-07-23 08:49 GMT

कोटा। कोटा उत्तर से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार की दिलचस्पी कोटा में नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण से कहीं अधिक पुराने एयरपोर्ट की जमीन को बेचकर खुर्दबुर्द करने की कोशिश में है, जबकि पिछली कांग्रेस सरकार की मंशा यहां मिनी सचिवालय और अधिशेष जमीन पर शहर के मध्य ऑक्सीजोन विकसित करने की वजह थी।

धारीवाल ने यहां जारी एक बयान में कहा कि यही वजह है कि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद डबल इंजन सरकार बनते ही नयी सरकार ने आनन-फ़ानन में केंद्र सरकार से पुराने एयरपोर्ट को बेचकर कोटा में नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण का एमओयू हस्ताक्षरित कर लिया।

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केंद्र और राज्य सरकारों के पास नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के लिये एक हजार करोड़ रुपये भी नहीं है, जो नया एयरपोर्ट बनाने के लिये पुराने एयरपोर्ट की बेशकीमती और बहुउपयोगी जमीन को बेच देना चाहती है? डबल डेकर सरकार को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से सबक सिखाना चाहिये, जिसने अपने दम पर कोटा में 6000 करोड़ रुपये के विकास कार्य करवाये, जिसकी सुविधाओं का लाभ आज भी शहरवासियों को मिल रहा हैं। सच्चाई यह है कि केंद्र की भाजपा सरकार तो बीते 10 साल में एयरपोर्ट की डीपीआर भी तैयार नहीं करवा सकी।

पूर्व मंत्री धारीवाल ने बयान जारी कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस सरकार ने कोटा में नये एयरपोर्ट के लिये जमीन आवंटित की जमीन के साथ-साथ अन्य राज्य सरकार की ओर से किये जाने वाले कार्यों को भी अति संवेदनशीलता के साथ पूरा किया लेकिन 10 साल से कोटा में नये एयरपोर्ट के काम को भाजपा वाले अड़चने पैदा कर एयरपोर्ट को बनाने में अक्षमता जाहिर करते रहे। नये-नये खर्च राज्य सरकार पर डाल रहे थे, क्योंकि उनकी मंशा पुराने एयरपोर्ट की जमीन बेचने की थी। अब जैसे ही केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार बनी है, पुराने एयरपोर्ट की जमीन को बेचकर नया एयरपोर्ट निर्माण करवाने का एमओयू किया गया है। पुराने एयरपोर्ट की जमीन का पहचान करने की योजना बनाना कोटा शहर के लोगो के साथ कुठाराघात है।

उन्होंने भाजपा पर कड़ा प्रहार करते हुये कहा है कि केन्द्र और पूर्व की राज्य की भाजपा सरकारों ने कोटा में एयरपोर्ट को लेकर कभी गंभीर प्रयास ही नहीं किया। पहले झालावाड़ की कोलाना हवाईपट्टी को लेकर कोटा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को नजरअंदाज किया गया और जब कांग्रेस सरकार ने कोटा में नये एयरपोर्ट के लिये जमीन आवंटित कर दी तो केंद्र की सरकार ने उसमें रोडे अटकाकर परियोजना को पूरा नहीं होने दिया।

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