पराक्रम और परिश्रम से होती है नेता की पहचान: नकवी

सत्ता और सियासत को खानदानी जागीर समझने वालों में बौखलाहट साफ दिखाई दे रही है ऐसे लोगों को समझना होगा कि अब नेता की पहचान परिवार के पालने से नहीं

Update: 2020-12-07 13:16 GMT

रामपुर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सत्ता और सियासत को खानदानी जागीर समझने वालों में बौखलाहट साफ दिखाई दे रही है। ऐसे लोगों को समझना होगा कि अब नेता की पहचान परिवार के पालने से नहीं बल्कि पराक्रम और परिश्रम से बनती है।

मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को यहां विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण करते हुए शायराना अंदाज में कहा "अब सियासत, खानदानी जमींदारी नहीं, खिदमत की रवादारी बन गई है। इस क्रांतिकारी परिवर्तन से सत्ता और सियासत को खानदानी जागीर समझने वालों में बौखलाहट साफ दिखाई दे रही है। उन्हे समझना होगा कि अब नेता की पहचान परिवार के पालने से नहीं बल्कि पराक्रम और परिश्रम से बनती है।"

उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की "सियासी संस्कृति" में बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन किया है। इसी के चलते 'खानदानी विरासत और पानदानी सियासत के सूरमा' सिकुड़ते-सिमटते जा रहे हैं। राजनीतिक क्षेत्र का यह परिवर्तन महात्मा गांधी, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर, सरदार पटेल, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, डॉ. राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों को साकार कर रहा है।

मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मोदी सरकार ने रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म के संकल्प के साथ समाज के हर तबके को तरक्की का बराबर का हिस्सेदार-भागीदार बनाया है। मोदी सरकार गांव, गरीब, किसान, नौजवान, झुग्गी-झोपडी के इंसान के हितों को समर्पित सरकार है।

उन्होने कहा कि मोदी सरकार की हर एक योजना अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति पर केंद्रित है। चाहे किसान हों, नौजवान हों, सैनिक हों, महिलाएं हों, युवा हों, सभी तबकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण को मोदी सरकार ने अपना लक्ष्य मान कर पूरी ईमानदारी से काम किया है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से ले कर असम तक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजनीतिक कार्य संस्कृति में परिवर्तन को जनता ने तहे दिल से समर्थन दिया है। चाहे लेह हिल डेवलपमेंट कौंसिल के चुनाव हों या हैदराबाद म्युनिसिपल चुनाव हों, जनता का भाजपा को अपार समर्थन, नरेंद्र मोदी के 'विकासवाद और सुशासन' पर पुख्ता मुहर है।

अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा, विदेश नीति पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर मोर्चे पर नरेंद्र मोदी के इस परिवर्तन का प्रभाव एवं परिणाम साफ दिख रहा है। कोरोना की चुनौतियों के दौरान एक सामान्य पृष्ठभूमि एवं परिवार से आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बढ़ कर संकटमोचक की भूमिका निभाई है जिसकी देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व ने प्रशंसा की है। नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता, प्रभावी नेतृत्व का ही नतीजा है कि इतनी बड़ी जनसँख्या वाला देश होने के बावजूद भारत ने कोरोना के कहर के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी है।

नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल को आपदा नहीं बनने दिया बल्कि "आत्मनिभर भारत" बनाने के एक अवसर में तब्दील कर दिया। कोरोना की चुनौतियों के दौरान 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैय्या कराया गया है। 8 करोड़ परिवारों को 3 महीने का निशुल्क गैस सिलिंडर, 20 करोड़ महिलाओं के जन धन खाते में 1500 रूपए दिए गए हैं। कोरोना से लड़ने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को 17 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा जारी किये हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये 60 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाया गया। 20 लाख करोड़ का आत्मनिर्भर भारत पैकेज लाया गया। किसान सम्मान निधि का लाभ 10 करोड़ से अधिक किसानों को दिया गया है। आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कृषि क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ रूपये की घोषणा की गई। डेरी से फेरी वालों तक की चिंता की गयी।

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