नई दिल्ली। कोरोना की महामारी के खिलाफ चलाए जा रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान का फाइजर और मॉडर्ना कंपनी के टीके हिस्सा नहीं होंगे। यानी सरकारी टीकाकरण सेंटरों पर इन दोनों ही कंपनियों के टीके मुफ्त में नहीं लगाए जाएंगे। केंद्र सरकार इन दोनों कंपनियों के टीकों को हासिल करने में मदद जरूर करेगी। केंद्र सरकार की दोनों कंपनियों के साथ चल रही बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि माह जुलाई तक फाइजर का टीका भारत में उपलब्ध हो जाएगा। फाइजर और माडर्ना कंपनी के टीकों की कीमत बहुत ज्यादा है। इस वजह से इन टीकों की खरीद भारी मात्रा में की जाएगी। साथ ही सार्वजनिक टीकाकरण कार्यक्रम में इन दोनों के शामिल किए जाने की संभावना भी घटेगी। दरअसल देशभर में कोरोना महामारी के खिलाफ अभियान चलाते हुए केंद्र सरकार की ओर से कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत देशवासियों को को-वैक्सीन और कोविशील्ड के टीके मुफ्त लगाए जा रहे हैं।
अब केंद्र सरकार ने फाइजर और माडर्ना कंपनी के कोरोना टीकों को भारत में इस्तेमाल की अपनी मंजूरी दी है। लेकिन इन दोनों ही कंपनियों के टीकों को सरकार की ओर से चलाये जा रहे कोविड-19 अभियान में शामिल नहीं किया गया है। सरकार केवल इन टीकों को हासिल करने में मदद जरूर करेगी। फाइजर और मॉडर्ना के टीके मुफ्त में उपलब्ध न कराए जाने के पीछे एक बड़ी वजह इन टीकों के कोल्ड चेन मैनेजमेंट की है। दोनों टीकों को 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान पर स्टोर करना होता है। ऐसा केवल बड़े अस्पतालों में संभव है। यानी अगर सरकार यह टीके मुफ्त में देना चाहे तो उसे बड़े पैमाने पर देश में कोल्ड चेन पर निवेश करना होगा। अधिकारी के अनुसार, हम ऐसा करने के बजाय लोगों के लिए और टीके खरीदना चाहेंगे।