नई दिल्ली । भारत के थल सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे लद्दाख का तीन दिन का दौरा करने के बाद गुरुवार को दिल्ली लौटे है। आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को थल सेनाध्यक्ष ने लद्दाख के ताजा हालात की विस्तृत जानकारी दी।खबर है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मीटिंग कर सकते हैं।
थल सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे ने लद्दाख में सेना के कमांडरों से विस्तार से बातचीत की। भावी रणनीति पर 22 जून की कोर कमांडर स्तर की चर्चा के बाद कमांडरों से विचार-विमर्श किया गया है। पूर्वी लद्दाख में चुशूल सेक्टर के चीनी हिस्से में स्थित मोल्डो में सुबह करीब 11:30 बजे बैठक शुरू हुई थी और रात तक जारी रही। इसके अलावा थल सेनाध्यक्ष ने लद्दाख की फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा किया। पूर्वी लद्दाख में देश के शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने स्थिति की विस्तृत समीक्षा की थी। गलवान घाटी में पिछले हफ्ते हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।
गौरतलब है कि इंडियन आर्मी ने अपने सबसे शक्तिशाली T-90 भीष्म टैंक को पूर्वी लद्दाख में तैनात कर दिया है और इस खबर के बाद से ही चीन विचलित हो गया है। अक्साई चिन गंवाने का खौफ अब चीन को सता रहा है, ऐसे में चीन सहमा हुआ है और LAC पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है। बॉर्डर पर जैसे-जैसे चीन अपनी तैनाती बढ़ा रहा है, वैसे-वैसे भारत भी अपनी ताकत बढ़ा रहा है। भारत ने भी लद्दाख में बॉर्डर पर अपनी तीन डिवीजन आर्मी तैनात कर दी है। बता दें कि 1962 के समय जहां सिर्फ लद्दाख बॉर्डर पर 1 ब्रिगेड रहते थे, आज उस क्षेत्र की रक्षा के लिए 3 डिविजन तैनात हैं। यानी लगभग 45 हजार जवान, पहाड़ी इलाकों में जो रेश्यो होता है वो है 1:12 का, यानी 45 हजार जवानों का मतलब है कि चीन को 5 लाख सैनिक लाना होंगे जो संभव नहीं है।
आपको बता दें कि अक्साई चिन भारत का अभिन्न अंग है लेकिन अभी चीन के कब्जे में है। चीन से अक्साई चिन वापस लेने के लिए अब भारत ने बड़ी तैयारी कर ली है। भारत की इन्हीं तैयारियों से चीन बोखलाया हुआ है। इस बीच खबर आ रही है कि भारत ने भी लद्दाख में अपनी तीन डिवीजन आर्मी तैनात कर दी है। चीन अक्साई चिन गंवाने के डर से LAC पर सैनिकों की मौजूदगी बढ़ा रहा है। इसी के जवाब में भारत ने लद्दाख बॉर्डर पर अपनी तीन डिवीजन आर्मी की तैनाती की है। चीन को करारा जवाब देते हुए भारतीय नागरिकों ने भी अब चीनी सामान का बहिष्कार करना प्रारंभ कर दिया है अब चीन को इंडियन आर्मी के साथ-साथ भारत के लोगों का भी करारा जवाब मिला है।