ईएसआईसी में बढ़ा औसत मजदूरी का भुगतान
कोविड-19 महामारी द्वारा प्रभावित श्रमिकों को राहत प्रदान करने के लिए कई बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
नई दिल्ली। ईएसआई कॉरपोरेशन ने केंद्रीय श्रम एवं राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता में कल आयोजित अपनी 182वीं बैठक के दौरान अपने सेवा प्रदायगी तंत्र में बेहतरी लाने एवं कोविड-19 महामारी द्वारा प्रभावित श्रमिकों को राहत प्रदान करने के लिए कई बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। बैठक के दौरान लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय निम्नलिखित हैं:
ईएसआईसी अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना का कार्यान्वयन कर रहा है जिसके तहत ईएसआई स्कीम के तहत कवर होने वाले श्रमिकों को बेरोजगारी लाभ का भुगतान किया जाता है। ईएसआई कॉरपोरेशन इस स्कीम को एक वर्ष और की अवधि 30 जून 2021 तक के लिए विस्तारित करने का निर्णय लिया है। जिन श्रमिकों ने कोविड-19 महामारी की अवधि के दौरान अपने रोजगार खो दिए हैं, उन्हें विद्यमान शर्तों एवं राहत की राशि में छूट देने का निर्णय लिया गया है। छूट दी गई शर्तों के तहत बढ़ी हुई राहत 24.3.2020 से 31.12.2020 तक देय होगी। इसके बाद स्कीम 01.01.2021 से 30.06.2021 की अवधि के दौरान मूल पात्रता शर्त के साथ उपलब्ध होगी। इन शर्तों की समीक्षा जरुरत एवं ऐसी छूट पाई शर्त के लिए मांग पर निर्भर करेगी।
राहत का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड में भी रियायत दी गई है जो निम्नलिखित है:
1. अधिकतम 90 दिनों की बेरोजगारी के लिए 24.3.2020 से 31.12.2020 तक पहले के 25 प्रतिशत की जगह अब औसत मजदूरी देय के 50 प्रतिशत का राहत भुगतान कर दिया गया है।
2. राहत के बेरोजगारी के 90 दिनों के बाद देय होने की जगह, यह 30 दिनों के बाद भुगतान के लिए देय हो जाएगा।
3. बीमित व्यक्ति सीधे ईएसआईसी शाखा कार्यालय के पास दावा जमा करा सकता है बजाये दावा के पिछले नियोक्ता द्वारा अग्रेषित किए जाने के तथा भुगतान सीधे बीमित व्यक्ति के बैंक खाते में किया जाएगा।
4. बीमित व्यक्ति को उसकी बेरोजगारी से पूर्व कम से कम दो वर्ष की अवधि के लिए बीमा योग्य रोजगार होना चाहिए और उसका बेरोजगारी से ठीक पहले की योगदान अवधि में 78 दिनों से कम का योगदान नहीं होना चाहिए एवं बेरोजगारी से 02 वर्ष पहले की शेष तीन योगदान अवधियों में से एक में न्यूनतम 78 दिनों का योगदान होना चाहिए।
कोविड-19 महामारी के बीच ईएसआईसी अस्पतालों में आईसीयू/एचडीयू सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के विचार से, सभी ईएसआईसी अस्पतालों में कुल कमीशंड बेडों के 10 प्रतिशत तक पर आईसीयू/एचडीयू सेवाओं की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में ईएसआई कॉरपोरेशन सदस्यों ने कोविड-19 महामारी के दौरान इसके हितधारकों पर इसके पड़ने वाले रोग के प्रभाव को कम करने तथा आम लोगों की चिकित्सा देखरेख के लिए अपनी अवसंरचना उपलब्ध कराने के लिए ईएसआईसी द्वारा उठाये गए कदमों की सराहना की।
अभी तक भारत भर में लगभग 2600 आइसोलेशन बेडों एवं लगभग 1350 क्वारांटाइन बेडों के साथ 23 ईएसआईसी अस्पताल क्षेत्र के आम लोगों के लिए विशिष्ट रूप से कोविड चिकित्सा सेवायें प्रदान करने के लिए कोविड-19 समर्पित अस्पतालों के रूप में काम कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, देश भर में शेष अधिकांश लगभग 961 ईएसआईसी अस्पतालों में कोविड आइसोलेशन बेड उपलब्ध हैं जिसे मिलाकर विभिन्न ईएसआईसी अस्पतालों में कुल 3597 कोविड आइसोलेशन बेडों की उपलब्धता है। इसके अतिरिक्त, इन अस्पतालों में 213 वेंटिलेटरों के साथ कुल 555 आईसीयू/एचडीयू बेड उपलब्ध हैं।
1. फरीदाबाद (हरियाणा), सनथ नगर, हैदराबाद (तेलंगाना), गुलबर्ग (कर्नाटक) एवं ईएसआईसी पीजीआईएमएसआर, बसई दारापुर (दिल्ली) में ईएसआईसी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों ने आईसीएमआर अनुमोदित इन-हाउस कोविड लैब टेस्ट सर्विस आरंभ कर दी है।
2. फरीदाबाद (हरियाणा) एवं सनथ नगर, हैदराबाद (तेलंगाना) के ईएसआईसी चिकित्सा महाविद्यालय में प्लाज्मा थेरेपी उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।
3. दिल्ली/एनसीआर क्षेत्रों के सभी प्रमुख ईएसआईसी अस्पतालों में रैपिड कोविड एंटीजेन टेस्ट भी आरंभ कर दिया गया है।
4. सम्बद्ध अस्पतालों से बीमित व्यक्तियों एवं उनके परिवारजनों को गैर कोविड चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक प्रावधान किए गए हैं।
उपरोक्त के अतिरिक्त, बैठक के दौरान बीमित व्यक्तियों एवं उनके लाभार्थियों को सेवाओं/लाभों में सुधार से संबंधित लगभग 30 अन्य एजेंडा/रिपोर्टिंग मदों एवं अन्य प्रशासनिक मामलों पर विचार किया गया एवं अनुमोदित किया गया। नियोक्ताओं के प्रतिनिधि, कर्मचारियों के प्रतिनिधियों, पेशेवर विशेषज्ञ एवं राज्य सरकार के प्रतिनिधियों सहित कॉरपोरेशन के लगभग 60 सदस्यों ने वीडियो कॉफ्रेंस के जरिये इसमें भाग लिया। बैठक में भाग लेने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में श्रम एवं रोजगार सचिव हीरा लाल समारिया, सांसद रामकृपाल यादव, सांसद डोला सेन, महानिदेशक अनुराधा प्रसाद एवं श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की एएस एवं एफए सिबानी स्वैन शामिल थे।