खरीदें मनपसन्द ट्रेन

रेलवे का मानना है कि ट्रेनों को चलाने की जिम्मेदारी एक से ज्यादा कंपनियों को दिए जाने से स्वस्थ प्रतियोगिता होगी और सर्विस डिलीवरी की गुणवता बढ़ेगी

Update: 2020-07-22 14:21 GMT

नई दिल्ली। रेल मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों ने निजी कंपनियों को बिडिंग प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। रेलवे का मानना है कि ट्रेनों को चलाने की जिम्मेदारी एक से ज्यादा कंपनियों को दिए जाने से स्वस्थ प्रतियोगिता होगी और सर्विस डिलीवरी की गुणवता बढ़ेगी।

इस सिलसिले में रेलवे ने गत 21 जुलाई को देश में निजी ट्रेन चलाने की इच्छुक 16 कंपनियों के साथ मीटिंग की। इस दौरान रेलवे ने कहा कि प्राइवेट ट्रेन चलाने को इच्छुक कंपनियां अपने पसंद से ट्रेन खरीद सकेंगी या लीज पर ले सकेंगी। इस मीटिंग रेल मंत्रालय और नीति आयोग से जुड़े अधिकारियों ने निजी कंपनियों के सवालों का जवाब दिया और निजी ट्रेनों के परिचालन से जुड़ी उनकी शंकाओं का समाधान किया। रेल मंत्रालय पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर देशभर में निजी ट्रेन को चलाने की महात्वाकांक्षी परियोजना पर काम रहा है। इस सिलसिले में रेलवे ने देश भर के 109 जोड़ी रूटों पर 151 आधुनिक यात्री रेलगाड़ियां चलाने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। ये 151 ट्रेनें अभी चल रही ट्रेनों के अलावा होंगी।

रेलवे की इस कोशिश के नतीजे के रूप में भारतीय रेलवे में नई तकनीक आएगी, रेलवे का राजस्व बढ़ेगा और रोजगार के नए मौके पैदा होंगे।

इस बैठक में निजी कंपनियों ने मुख्य रूप से एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया, बिडिंग प्रॉसेस, रेलवे कोचों की खरीदारी, ट्रेनों का परिचालन से संबंधित सवाल पूछे। मीटिंग के दौरान रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस प्रोजेक्ट के अंदर जिन ट्रेनों का परिचालन होगा उसे या तो खरीदा जा सकता है या फिर निजी कंपनियां उसे लीज पर ले सकेंगी। रेलवे ने कहा कि ट्रेनों के परिचालन से जुड़े खतरे को संबंधित पार्टियों के बीच बराबर बांटा जाएगा। 

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