ममता की दोस्ती भी नहीं पसंद

सर्वदलीय बैठक में ममता ने कहा, चीन को दूरसंचार, रेलवे और विमानन क्षेत्रों में प्रवेश नहीं करने देंगी।

Update: 2020-06-22 13:05 GMT

नई दिल्ली। लद्दाख में चीनी सैनिकों के हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलायी थी। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी की तरह सरकार से कोई सवाल नहीं पूछा बल्कि चीन पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा, तृणमूल कांग्रेस संकट की इस घड़ी में देश के साथ खड़ी है। ममता बनर्जी ने कहा, चीन एक लोकतंत्रिक देश नहीं है बल्कि एक तानाशाह हैं। वो जो महसूस करते हैं वह कर सकते हैं। दूसरी ओर, हमें साथ काम करना होगा। भारत जीत जाएगा, चीन हार जाएगा। उन्होंने कहा, एकता के साथ बोलिए। एकता के साथ सोचें। एकता के साथ काम करें। हम ठोस रूप से सरकार के साथ हैं। सर्वदलीय बैठक में ममता ने कहा, चीन को दूरसंचार, रेलवे और विमानन क्षेत्रों में प्रवेश नहीं करने देंगी। हम कुछ समस्याओं का सामना करेंगे लेकिन हमें चीन को प्रवेश करने की अनुमति नहीं देनी है। इस प्रकार ममता बनर्जी ने अपने राज्य को भी यह संदेश दिया कि दूसरे देश के हमला करने पर उनकी सरकार केंद्र सरकार का विरोध नहीं करती।।बल्कि उसके साथ एक दोस्त की तरह खड़ी है।यह दोस्ती भी पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई को हजम नहीं हो पायी। वहां भाजपा ने ममता बनर्जी की छवि राष्ट्र विरोधी की बना रखी है। इसलिए भाजपा की पश्चिम बंगाल प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष अग्निमित्रा पॉल ने वाममोर्चा के साथ तृणमूल कांग्रेस को भी उसका मददगार बताया। उन्होंने ममता बनर्जी को खलनायक के रूप में पेश किया है।

चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों ने पश्चिम बंगाल में पूरी तरह से नया मोड़ ले लिया जब स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला जलाया लेकिन उन्हें उत्तर कोरिया का किम जोंग उन कहा। इसके बाद इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में हुए संघर्ष और 20 जवानों की जान जानें के बाद बीजेपी की आसनसोल इकाई ने चीनी राष्ट्रपति के पुतले जलाए ।बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राम नाम सत्य बोलकर अंतिम यात्रा निकाली। विरोध के बारे में पूछे जाने पर, स्थानीय बीजेपी नेता ने कहा कि यह चीन के खिलाफ है लेकिन नेता ने किम जोंग उन को चीन का प्रधानमंत्री बता दिया। बीजेपी की आसनसोल इकाई के एक नेता गणेश मंडी ने कहा, हम चीन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और लद्दाख में जो हुआ उसे लेकर चीनी प्रधानमंत्री किम जोंग उन का पुतला जलाएंगे। बहरहाल, नेताओं की जुबान फिसल जाती है और वे बाद में माफी भी मांग लेते हैं। किम जोंग उन उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति हैं। गणेश ने यह भी कहा, हम सभी से चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने का आग्रह करेंगे। बता दें कि चीन के साथ झड़प में लगभग 76 सैनिक घायल हुए हैं जो कि नाथूला में 1967 के संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच इस तरह का सबसे भयंकर टकराव है। 1967 में भारत ने लगभग 80 सैनिकों को खो दिया था, जबकि चीनी पक्ष में मृतकों की संख्या 300 से अधिक थी। सेना के सूत्रों का कहना है कि गलवान घाटी में घंटों तक चले संघर्ष में 45 चीनी सैनिक मारे गए या घायल हुए हैं। इस टकराव में भारतीय सैनिकों पर लोहे की छड़ों से हमला किया गया। झड़प के दौरान कई जवान बर्फीली गलवान नदी में भी गिर गए। इसी के चलते चीनी राष्ट्रपति के पुतले की बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राम नाम सत्य बोलकर अंतिम यात्रा निकाली। उधर, चीन के समर्थन में गणशक्ति में प्रकाशित लेख के खिलाफ महिला मोर्चा के अध्यक्ष ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने अग्निमित्रा पॉल और प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया तो पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई को ममता बनर्जी के खिलाफ जहर उगलने का मौका मिल गया ।

माकपा के मुखपत्र गणशक्ति में प्रकाशित लेख के विरोध में भाजपा की पश्चिम बंगाल प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष अग्निमित्रा पॉल ने कोलकाता में प्रदर्शन किया और उक्त वामपंथी दल को चीन का बिचवलिया करार दिया। साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा वार करते हुए उन्हें वामपंथियों का सहयोगी करार दिया। पुलिस ने प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष अग्निमित्रा पॉल और मोर्चा की प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया और बाद में रिहा कर दिया। इस दिन अग्निमित्रा पॉल के नेतृत्व में एपीसी रोड़ पर स्थित जोड़ा गिरजा से विरोध जुलूस निकाला और गणशक्ति भवन के सामने जा कर जुलूस में शामिल पार्टी की महिला कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करने लगी। प्रदर्शनकारी महिलाएं हवा में पोस्टर और तख्तियां लिये हुई थीं, जिन पर माकपा को चीन का बिचवलिया और देश विरोधी लिखा गया था। मौके पर तैनात पुलिस ने पॉल सहित सभी को गिरफ्तार कर लिया।

अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि माकपा और उसका मुखपत्र गणशक्ति हमेशा से चीन का बिचवलिया रहा और देशद्रोही का काम किया है। इस घड़ी में भारत के साथ खड़ा नहीं हो कर वह चीन का समर्थन कर रहा है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इनका समर्थन कर रही हैं। मुख्यमंत्री चाहे जितना भी बोले कि वे चीन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ है, लेकिन यह सच नहीं है। उनकी कथनी और करनी अलग-अलग है। उनकी कथनी और करनी में फर्क है। उन्होंने कहा कि शान्ति से जुलूस निकालने के बावजूद माकपा का समर्थन करते हुए पुलिस ने महिला मोर्चा की महिलाओं को जबरन गिरफ्तार किया। लड़कियों के बाल पकड़ कर खींचे गए हैं। हाथ की चूड़ियां व शंखा तोड़ दिया गए और कपड़े फाड़ दिए गए हैं। एक लोकतांत्रिक समाज में यह किस तरह की शालीनता है? बंगाल में लोकतंत्र की आवाज दबाई जा रही है। बोलने के अधिकार पर अंकुश लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस नाटक कर रही है, लेकिन वे वहां नाटक करने नहीं आई हैं, बल्कि देशद्रोहियों का विरोध करने आई हैं।

ममता बनर्जी पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव होने में अभी नौ महीना बाकी है। पुरुषों की जरूरत नहीं होगी ममता बनर्जी को हमारी महिलाएं ही अपनी शक्ति दिखा देंगी। इस दौरान उन्होंने लोगों से चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने का भी आह्वान किया।

इस प्रकार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लद्दाख हमले के मामले में सरकार का साथ देकर राज्य में भाजपाई हमले को कुंद करने का प्रयास किया लेकिन प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष ने उन्हें घेरेबंदी में लेने का प्रयास किया है। ममता बनर्जी की दोस्ती भी पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए आगामी विधानसभा चुनाव की दृष्टि से घातक हो सकती है।  

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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