बजट 2023- बजट आम आदमी का नहीं पूंजीपतियों का- डीजल पेट्रोल में..

कांग्रेस ने कहा है कि बजट देश में समाज के बड़े वर्ग की उम्मीदों के खिलाफ है और इसमें उनके हित के लिए कोई प्रावधान नहीं

Update: 2023-02-01 13:15 GMT

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि बजट देश में समाज के बड़े वर्ग की उम्मीदों के खिलाफ है और इसमें उनके हित के लिए कोई प्रावधान नहीं है इसलिए इसका फायदा सिर्फ चंद पूंजीपतियों को ही मिलेगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम, वरिष्ठ प्रवक्ता गौरव बल्लभ तथा संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसमें गरीबों, बेरोजगारों, अनुसूचित जातियों, जन जातियों तथा अल्पसंख्यकों के लिए कोई राहत नहीं है और किसी भी दृष्टि से यह बजट जन साधारण को फायदा देने वाला नहीं है।

पार्टी नेता राहुल गांधी ने इसे 'मित्र काल' का बजट बताया है। उन्होंने कहा, "मित्र काल के बजट नौकरियां सृजन का कोई विजन नहीं, महंगाई रोकने की कोई योजना नहीं है और असमानता दूर करने का कोई इरादा नहीं है। एक प्रतिशत सबसे अमीर 40 प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं, 50 प्रतिशत सबसे गरीब, 64 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करने वालों और 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार की प्रधानमंत्री को परवाह नहीं है।"

प्रवक्ताओं ने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट 2023-24 में कहीं उल्लेख नहीं किया कि देश की अर्थव्यवस्था पर बजट का क्या असर होने वाला है। पूरे बजट में देश में आर्थिक समस्याओं के समाधान की बात तो दूर उनको इंगित तक नहीं किया गया है। आर्थिक असमानता का कोई जिक्र बजट में नहीं है और इससे साफ है कि इस बजट में आम लोगों के लिए कुछ नहीं है यह बजट सिर्फ कुछ अरबपतियों को फायदा पहुंचाने वाला है। बजट से पता चलता है कि यह सरकार किस तरह से आम लोगों से दूर हुई है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वित्त मंत्री ने बजट में गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक असमानता जैसे बिंदुओं का जिक्र तक नहीं किया है। सरकार को जो पूंजीगत खर्च करना था उस खर्च को भी वह पूरा नहीं कर सकी है। निर्यात, निर्माण दर, आदि सब कुछ गिर रहा है इसके बावजूद सरकार कहती है कि जीडीपी सात प्रतिशत रहेगी। यह कैसे हुआ सरकार को बताना चाहिए। उनका कहना था कि सबने देखा है कि पहली दो तिमाही में जीडीपी 9.9 प्रतिशत बताई गई है जबकि पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि में लगातार गिरावट रही है। सरकार ने प्रमुख योजनाओं में जितना खर्च करने की बात कही उतना भी खर्च नहीं कर पाई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने मुख्य योजनाओं के लिए जो वादा किया था उसे पूरा नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री किसान योजना, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण, शहरी विकास, अनूसूचित जाति तथा जनजाति विकास और अल्पसंख्यकों के विकास की योजनाओं में जो बजटीय आवंटन को पूरा खर्च नहीं हुआ है। सरकार को जितना राज्यों को देना चाहिए था वह नहीं दिया और उनका 64 हजार करोड़ रुपए का हक मारा गया है। यह पैसा राज्यों को दिया जाना चाहिए था, लेकिन नहीं दिया गया।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं घटाए हैं। अधिभारों में भी कोई कटौती नहीं की गई है। आम लोगों को करों में कोई छूट नहीं दी गई है और यहां तक कि अप्रत्यक्ष करों की जीएसटी दरों में भी कोई कटौती नहीं हुई है। बजट में जो प्रावधान है उनसे युवाओं, गरीबों, कर देने वालों, गृहणियों को फायदा नहीं होगा बल्कि देश के महज एक प्रतिशत अरब पतियों को इसका लाभ मिलेगा। बजट भाषण में आम लोगों के लिए कुछ नहीं है। बेरोजगारी और महंगाई के समाधान के लिए बजट में और आर्थिक सर्वेक्षण में कुछ नहीं कहा गया है।

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