घमासान का ऐलान- ट्रकों एवं ट्रैक्टरों पर निकले किसान- सरकार सिर्फ..
जिसके चलते किसानों के जाते ट्रकों एवं ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार होकर राजधानी दिल्ली की तरफ चल दिए हैं।
नई दिल्ली। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने समेत अपनी दर्जन भर मांगों को लेकर आंदोलन की राह पकड़ने वाले किसानों की सरकार के साथ सहमति नहीं बनने के बाद अब किसानों ने दिल्ली की तरफ कूच कर दिया है। किसानों के जत्थे पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से राजधानी के लिए ट्रकों एवं ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार होकर निकल लिए है। किसानों के आंदोलन को देखते हुए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा एवं चंडीगढ़ के बॉर्डर सील करते हुए सात जनपदों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
मंगलवार को केंद्रीय मंत्रियों के साथ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य और कर्ज माफी आदि पर सहमति नहीं बन पाने के बाद किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। जिसके चलते किसानों के जाते ट्रकों एवं ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार होकर राजधानी दिल्ली की तरफ चल दिए हैं।
किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक ने किसानों को पंजाब एवं हरियाणा की शंभू, खनोरी एवं डबवाली बॉर्डर पर इकट्ठा होने के लिए कहा है।
उन्होंने बताया है कि सरकार किसानों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है, क्योंकि सरकार के मन में खोट है और वह केवल बातचीत के नाम पर टाइम पास करने में लगी हुई है। वैसे हम सरकार के प्रस्ताव पर विचार करेंगे। लेकिन हम अपने आंदोलन पर कायम है। उधर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि बातचीत के माध्यम से ही सभी बातों का हल निकालना चाहिए। कुछ मामले ऐसे हैं जिन्हें सुलझाने के लिए कमेटी की जरूरत है।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि हमारा यह आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण है और सरकार एवं उसके नुमाइंदे हमारे ऊपर आरोप लगाते हैं कि हम सड़के जाम करते हैं।
उन्होंने मीडिया कर्मियों से कहा है कि आप खुद ही देख लीजिए, सड़कों पर दीवारें खड़ी करके किसानों की राह सरकार द्वारा ही रोक जा रही है। सरकार की तैयारियों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे पंजाब एवं हरियाणा भारत के राज्य नहीं है और अलग-अलग देश है।