खराब तथा रिबोर योग्य हैन्डपम्पों को तुरंत ठीक करें - महेंद्र सिंह मंत्री

जलशक्ति मंत्री महेन्द्र जल निगम के फील्ड हास्टल में लघु सिंचाई, ग्रामीण पेयजल एवं नमामि गंगे विभाग की समीक्षा कर रहे थे।

Update: 2020-04-22 15:00 GMT

लखनऊ।  उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने गर्मी के मौसम को देखते हुए बुन्देलखण्ड एवं उसके समान समस्या वाले जनपदों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कारवाई करने के निर्देश दिये है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में खराब हैण्डपम्पों को दुरूस्त करने की कार्रवाई प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने को कहा है। उन्होंने पेयजल आपूर्ति एवं अन्य निर्माण कार्यो को करते वक्त कोरोना -19 से बचाव के निर्देशों तथा सोशल डिस्टेन्सिग का कडाई से अनुपालन भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने गत वर्षो की भॅाति संकटग्रस्त गाँवों में टैंकर के माध्यम से पयेजल पहुँचाने के लिए भी तत्काल कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिये है।

जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह माल एवेन्यू स्थित जल निगम के फील्ड हास्टल में लघु  सिंचाई, ग्रामीण  पेयजल एवं नमामि गंगे विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी के कारण बुन्देलखण्ड के सभी जनपदों के साथ-साथ सोनभद्र, मिर्जापुर, कानपुर, मथुरा, आगरा, तथा अन्य जनपदों में पेयजल की गम्भीर समस्या उत्पन्न हो जाती हैं। इन जनपदों में कोई भी पानी के लिए परेशान न हों  इसके लिए विभागीय अधिकारी युद्ध स्तर पर जुट जाये। उन्होंने पशु पक्षियों के लिए हैण्डपम्पों के पास चरही निर्माण कराने के भी निर्देश दिये।


जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा करते हुए बुन्देलखण्ड के चैकडैम व तालाबों का कार्य आगामी 20 मई तक तथा ब्लास्ट कूपों का कार्य 30 जून 2020 तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही पूरा किये गये कार्यो का थ्रर्ड पार्टी सत्यापन तथा जीयो-टैंगिग कराने की हिदायत दी। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 19-20 के चैकडैम, ब्लास्टकूप, तालाबों के लक्षित कार्यो के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि अधूरे कार्यो के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जायेगी।



जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने अटल भूजल योजना के तहत चयनित 10 जनपदों में जल संचयन के कार्यो को प्राथमिकता देने केे निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अधिकारी परिणाम देने की आदत डाले। उदासीनता अथवा लापरवाही को गम्भीरता से लिया जायेगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबन्धन और विनियमन) अधिनियम 2019 के प्राविधानों को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इस अधिनियम में आवश्यकता के अनुसार संशोधन करने के लिए निदेशक भूगर्भ जल को हिदायत दी। उन्होंने इच्छुक स्वंयसेवी संस्थाओं को जल संचयन के कार्यो में भागीदारी के लिए प्रेरित करने के भी निर्देश दिये।

नमामि गंगे के कार्यो की समीक्षा करते हुए जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने लम्बित प्रकरणों के समाधान के लिए संबन्घित विभागों से समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जो जनपद कोविड-19 से मुक्त है, संम्बन्धित जिलाधिकारी से वार्ताकर तत्तकाल कार्य शुरू कराये जाये। इसके अलावा प्रदूषित पानी गंगा में न गिरे, इसको टैप कराने की कार्यवाही करायी जाये। इसके अलावा एस0टी0पी0 परियोजनाओं  में सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाकर ऑनलाइन अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाये।

जल शक्ति मंत्री ने नदियों के किनारे स्थित कल कारखानों में स्थापित सी0ई0टी0पी0 के संचालन की स्थिति तथा उनसे निकलने वाले उत्प्रवाह के गुणवत्ता की निगरानी गहनता से करने के निर्देश दिये। उन्होंने संचालित परियोजनाओं में खासतौर से यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि कोई भी परियोजना टाइम ओवर रन की स्थिति में न पहुँचे, यदि कोई समस्या हो तो उसके लिए कार्य योजना बनाकर परियोजना को निर्धारित अवधि में पूरा किया जाने का हर संभव प्रयास किया जाये। उन्होनें यह भी कहा कि मथुरा जनपद के लम्बित प्रकरणों के निस्तारण के लिए उनकी अघ्यक्षता में बैठक आयोजित की जाये।

बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव, लघु  सिंचाई, भूगर्भ जल एवं नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये की  मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों का  कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। इसके साथ ही निर्माणाधीन परियोजनाओं के कार्यो को निर्धारित समय में पूरा कराये जाये। उन्होंने पेयजल संकट से ग्रस्त जनपदों में पेयजल आपूर्ति के लिए कारगर रणनीति तैयार कर प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित करने के निर्देश दिये।

बैठक में जल निगम के प्रबन्ध निदेशक विकास गोठलवाल, अधिशासी  निदेशक राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन  सुरेन्द्र राम, विशेष सचिव लघु  सिंचाई  जुहैर बिन सगीर, विशेष सचिव पेयजल  ए0 दिनेश कुमार, भूगर्भ जल निदेशक वीरेन्द्र कुमार उपाध्याय, विशेष कार्यधिकारी डा0 हरिशचन्द्र्, मुख्य अभियन्ता लघु  सिंचाई  राजीव कुमार जैन, अधीक्षण अभियन्ता लघु  सिंचाई  रवीन्द्र सिंह व आलोक सिन्हा, अनुसचिव डा0 ए0के0सिंह, सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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