एक रुपये जुर्माने की सजा की समीक्षा को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर

तीन महीने की साधारण कैद की सजा भुगतनी होगी और तीन साल तक वकालत करने पर प्रतिबंध रहेगा।

Update: 2020-10-02 02:29 GMT

नयी दिल्ली  जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने अदालत की अवमानना मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा सुनायी गयी एक रुपये जुर्माने की सजा की समीक्षा को लेकर गुरुवार को एक याचिका दायर की।


प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत में एक पुनर्विचार याचिका दायर करके उससे 31 अगस्त के अपने फैसले की फिर से समीक्षा करने का अनुरोध किया है।श्री भूषण ने जुर्माने की रकम (एक रुपये) न्यायालय की रजिस्ट्री में अदा कर दी है, लेकिन उन्होंने कहा है कि पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि उन्हें दोषी ठहराने वाले निर्णय में कानून और तथ्यों की नजर में अनेक त्रुटियां हैं।

गौरतलब है कि न्यायालय ने प्रशांत भूषण
 को 15 सितंबर तक जुर्माने की राशि शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश दिया था और स्पष्ट किया था कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें तीन महीने की साधारण कैद की सजा भुगतनी होगी और तीन साल तक वकालत करने पर प्रतिबंध रहेगा।

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