BCCI ने इंफ्रास्ट्रक्चर सब्सिडी देने के नियमों में ढील देने का लिया फैसला

किसी भी खर्च के बिल को केवल एक बार के लिए बीसीसीआई के पास जमा करने की अनुमति दी जाएगी।”

Update: 2021-09-27 14:48 GMT

नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने राज्य संघों को इंफ्रास्ट्रक्चर सब्सिडी देने के लिए नियमों में ढील देने का फैसला किया है।

दरअसल बीसीसीआई ने हाल ही में एपेक्स काउंसिल की बैठक में राज्य इकाइयों को छह साल तक के इंफ्रास्ट्रक्चर के खर्च पर सब्सिडी का दावा करने में सक्षम बनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था। आम तौर पर 24 महीने के दावे ही स्वीकृत होते हैं।

एपेक्स काउंसिल द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया था, "एपेक्स काउंसिल 24 महीने के भीतर बिल जमा करने की वर्तमान विंडो में ढील देने पर विचार कर सकती है और कट-ऑफ तिथि एक जनवरी 2016 तय कर सकती है, इसलिए एक जनवरी 2016 के बाद राज्य क्रिकेट संघों द्वारा किए गए किसी भी खर्च के बिल को केवल एक बार के लिए बीसीसीआई के पास जमा करने की अनुमति दी जाएगी।"

समझा जाता है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) के कार्यकाल के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर के दावों के लिए अनुमोदन की कमी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। यह फैसला इसलिए भी लिया गया है, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य क्रिकेट इकाइयों द्वारा लोढ़ा समिति के सुधारों को अपनाने तक सब्सिडी को फ्रीज करने का आदेश दिया था, जबकि बीसीसीआई को जनवरी 2017 से अक्टूबर 2019 तक सीओए ने चलाया था।

एपेक्स काउंसिल द्वारा पारित प्रस्ताव के मुताबिक मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी में कहा गया है कि खर्च की तारीख से दो साल (24 महीने) के भीतर दावों को जमा करना होगा। सीओए समय के दौरान राज्य संघों को भुगतान प्रतिबंधों के कारण उनके द्वारा कोई इंफ्रास्ट्रक्चर दावा प्रस्तुत नहीं किया गया था, क्योंकि सीओए राज्य क्रिकेट संघों को कोई धन जारी नहीं कर रहे थे।


वार्ता

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