ना बाबा ना बगैर रिश्वत काम नहीं होगा विधायक जी- बीजेपी एमएलए को..
सरकार की ओर से निर्धारित किए गए शुल्क के तौर पर 12 हजार 500 रूपये जमा होने थे।;
गाजियाबाद। असलहा दफ्तर में तैनात बाबू ने जब बगैर रिश्वत के शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण से दो टूक इंकार कर दिया तो भारतीय जनता पार्टी के विधायक को मजबूरी के चलते असलाह बाबू को 35 हजार 500 रूपये बतौर भेंट पूजा के चढाने पड़े। मामला उजागर होने पर जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी ने अब इस पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। दरअसल जनपद बुलंदशहर की सदर विधानसभा सीट के भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रदीप चौधरी को अपने शस्त्र लाइसेंसों का नवीनीकरण कराना था। असलहा बाबू के पास पहुंचे बीजेपी के एमएलए ने अपना परिचय देते हुए असलाह बाबू से अपने नवीनीकरण के कागजातों पर साइन करने की बात कही।
लेकिन असलहा बाबू ने विधायक जी के रूतबे को नजरअंदाज करते हुए दो टूक कह दिया कि विधायक जी बिना सुविधा शुल्क दिए इस दफ्तर में कोई काम नहीं होगा। मरता क्या ना करता, लिहाजा मजबूरी के चलते बीजेपी के एमएलए साहब को भेंट पूजा के तौर पर 35 हजार 500 रुपए असलाह बाबू को पेश करने पड़े। तब कहीं जाकर उनकी फाइल आगे बढ़ सकी। बताया जा रहा है कि बीजेपी के बुलंदशहर से सदर विधायक प्रदीप चौधरी का परिवार मेट्रो सिटी गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहता है और उनका व परिजनों के शस्त्र लाइसेंस गाजियाबाद से ही बने हैं। विधायक ने बताया है कि उन्हें अपनी पिस्टल, राइफल एवं भाई जीतपाल की पिस्टल के लाइसेंस का नवीनीकरण कराना था। सरकार की ओर से निर्धारित किए गए शुल्क के तौर पर 12 हजार 500 रूपये जमा होने थे।
लेकिन असलाह बाबू ने बीजेपी के एमएलए से 48000 रूपये मांगे और असलाह बाबू ने दो टूक कहा कि जितनी रकम मांगी जा रही है, विधायक जी उतनी तो आपको देनी ही पड़ेगी। विधायक जी ने मजबूरी के चलते असलाह बाबू को जब पूरी धनराशि भुगतान की तभी उनके शस्त्रों के नवीनीकरण की फाइल आगे बढ़ सकी। अब मामला उजागर होने पर जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी है। उधर रिश्वत लेने के आरोपी होना बताये जा रहे असलाह बाबू शैलेश गुप्ता का कहना है कि शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण से संबंधित काम यहां के कई दफ्तरों में होता है। विधायक से रिश्वत किसी और ने ली होगी क्योंकि एमएलए साहब उनके पास आए ही नहीं है। अब यह तो सीडीओ द्वारा की जाने वाली जांच के बाद ही साबित होगा कि विधायक जी के आरोप सही है या असलाह बाबू झूठ बोल रहे है।