राम मंदिर को लेकर फेसबुक पर टिप्पणी करने वाले की गिरफ्तारी पर रोक

साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की नीयत से भगवान श्रीराम और श्री राम मंदिर के विषय में आपत्ति जनक पोस्ट डाली।

Update: 2020-10-07 14:10 GMT

प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भगवान राम और अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर को लेकर फेसबुक पर आपत्ति जनक टिप्पणी करने के आरोपी शाहजहांपुर के संदीप प्रताप मौर्या को राहत देते हुए उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

न्यायालय ने याची के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इंकार कर दिया तथा प्रदेश सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है।

संदीप प्रताप मौर्या की याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज मिश्र और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की पीठ ने सुनवाई की। याची के विरुद्ध शाहजहांपुर के परौर थाने में धार्मिक भावनाओं को आहत और आईटी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि संदीप प्रताप मौर्य ने अपनी फेसबुक आईडी से पिछले दिनों 11 अगस्त को धार्मिक भावनाओं को भड़काने और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की नीयत से भगवान श्रीराम और श्री राम मंदिर के विषय में आपत्ति जनक पोस्ट डाली।

याची के अधिवक्ता का कहना था कि जिस फेसबुक पोस्ट के आधार पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है उससे किसी संज्ञेय अपराध का होना प्रतीत नहीं होता है। याची ने जो टिप्पणियां की हैं वह उसके अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के तहत आती हैं। मामले के तथ्यों और साक्ष्यों को देखते हुुए अदालत ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी का 25 नवम्बर तक जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई या पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक याची को गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया है।

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