विधानसभा भर्ती घोटाला- HC ने जवाब पेश करने के लिये सरकार को दी मोहलत

देहरादून निवासी अभिनव थापर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

Update: 2024-09-10 14:29 GMT

नैनीताल, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाला मामले में सुनवाई करते हुए मंगलवार को सरकार को जवाब देने के लिये तीन सप्ताह की मोहलत दे दी है।

मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की युगलपीठ में देहरादून निवासी अभिनव थापर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अदालत ने 28 फरवरी 2024 को एक आदेश जारी कर सरकार को निर्देश दिये थे कि वह इस मामले में आवश्यक कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश की जाए, लेकिन सरकार की ओर से आज तक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयी।

सरकार की ओर से अदालत से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिये अतिरिक्त समय की मांग की गयी, लेकिन अदालत ने मान लिया और सरकार को तीन सप्ताह के अदंर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। इस मामले में 15 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

याचिकाकर्ता की ओर से वर्ष 2022 में दायर जनहित याचिका में कहा गया कि विधानसभा में वर्ष 2000 से बैकडोर भर्तियां की जा रही हैं। इन भर्तियों में मौजूद प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2016 के बाद हुई भर्तियों को तो निरस्त कर दिया, लेकिन उससे पहले हुई बैकडोर भर्तियों के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि सरकार ने 06 फरवरी 2003 को शासनादेश जारी कर तदर्थ नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी।

याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि यह संविधान की धारा 14, 16 और 187 तथा उप्र विधानसभा नियमावली, 1974 और उत्तराखंड विधानसभा भर्ती नियमावली, 2011 का स्पष्ट उल्लंघन है।याचिकाकर्ता की ओर से दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने और सरकारी धन की वसूली की मांग की गयी है।

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